बसंत पंचमी

Feb 13, 2024 - 18:42
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बसंत पंचमी
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बसंत पंचमी ऐसी करनी हम करते चले -2 ॥ध्रुव॥

हो जाये हमारा जीवन साकार ऐसी करनी हम करते चले -2 ॥ध्रुव॥

चहुँ और हो बसंत जैसी बहार जीवन बने सदैव सुखकार रहे निरामय हमारे विचार ऐसी करनी हम करते चले -2 ॥ध्रुव॥

निर्लिप्तता से जीवन जिये भार मुक्त हम खुद भी बने ना औरों का हो हमारे भार ऐसी करनी हम करते चले -2 ॥ध्रुव॥

हमको करे हमारे कृत कर्मों से हमेशा - हमेशा ज़माना याद सदियों तक जिन्दा रहे हमारे संवाद ऐसी करनी हम करते चले -2 ॥ध्रुव॥

खुले हमारे ज्ञान के द्वार अपनी आत्मा अपना खुद करे शुद्ध रूप साक्षात्कार ऐसी करनी हम करते चले -2 ॥ध्रुव॥

ना राग रहे ना द्वेष हमारे बुझे हमेशा हमेशा के लिये जन्म मरण की यह आग ऐसी करनी हम करते चले -2 ॥ध्रुव॥

हो जाये हमारा जीवन साकार ऐसी करनी हम करते चले -2 ॥ध्रुव॥

 प्रदीप छाजेड़ ( बोरावड़ )