लघु कहानी, तुष्टीकरण नीति अब हुई समाप्त
लघु कहानी, तुष्टीकरण नीतिअब हुई समाप्त ====================
वर्ष 2023 का दिसंबर महीना का अंत था। नव वर्ष 2024 के लिए के लिए नई ऊर्जा नया सवेरा लाने के लिए मौसम करवट बवदल रहा था । शरद ऋतुका भयंकर प्रकोप चल रहा था । बिन मौसम काकभी-कभी आकाश से पानी बरस जाता था।
इससे सर्दी का प्रकोप बढ़ रहा था । ट्रेन जब स्टेशन पर आकर रुकी । हम मदन दादा के साथ ट्रेन से उतरे ।स्टेशन के बाहर आए । मौसम का रुख देखकर रिक्शा पकड़ कर हम लोग घर को चल दिए। मुख्य रोड छोड़कर जबअपनी गली में आए। तभी हम लोगों ने देखा ठाकुर कोठी के सामने बहुत बड़ी भीड़ लगी हुई थी ।
दाढ़ी वाले उस्ताद नाम के मुल्लाजी बिजली खंभे के पास खड़े हुए अपने कुछ लोगों से कह रहे थे। देखो योगी जी के राज में कितनी बड़ी गुंडागिरी है। पुलिस के रूआब मे मेरा सामान घर से बाहर फेंका जा रहा है। कोई सुनने वाला नहीं है । कोतवाली से इंस्पेक्टर आया था। सामान फेंकने वालों से बातचीत करके चुपचाप लौट गया ।
अगर आज सपा का राज होता तो ऐसे मेरे सामान को घर से निकाल कर फेंकने की लोगों की हिम्मत नहीं होती । एक पत्रकार होने के नाते मदन दादा हम ने रिक्शा रुकवाया। रिक्शा से उतर कर मदन दादा ने समान फेंकने वालों के पासजाकर बोले- --भाई! आप लोग ऐसी क्यों गुंडागिरी कर रहे हैं? अल्प समाज के व्यक्ति को सता रहे हो ? उसका सामान घर से क्यों फेंक रहे हो ?
मदन दादा की हमदर्दी भरी बातों को सुनकर दाढ़ी वाले उस्ताद मुल्लाजी मदन दादा के पास आकर बोला- यह मकान मेरा है । मेरे नाम का पत्थर भी लगा हुआ है । मै15 वर्ष से इस इस कोठी में रह रहा हूं । योगी राज में ऐसी अंधेर गर्दी गुंडा गिरी है। कोई सुनने वाला नहीं है ।कोतवाली पुलिस भी आई । मेरे सामान फेंकने वालों से बात करके चुपचाप चली गई।
जब दाढ़ी वाले मुल्लाजी मदन दादा से यह कह रहे थे। तभी 80 वर्ष का एक बुड्ढा आकर मदन दादा से बोला- बेटा तुम नहीं जानते हो यह बहुत बड़ा ड्रामेबाज है । जिसकी की यह कोठी नही है । आज 20 वर्ष बाद इसका मालिक अपनी कोठी में आकर रहना चाहता है । लेकिन यह मुल्लाजी अवैध कब्जा कर के इस कोठी में रह रहे हैं ।यह कोठी राय साहब की थी।
सरकारीनौकरी से रिटायरमेंट होने वाले मुल्लाजी को राय साहब ने शरण देकर नीचे वाले हिस्से में इन उस्ताद मुल्लाजी को रख लिया ।अचानक एक दिन राय साहब की गोली मारकर हत्या कर दी गई। बिचारी बेवा को इन मुल्लाजी ने राय साहब की हत्या के बाद इतना भयभीत किया । बिचारी अपने 5 वर्ष के बच्चों को लेकर अपने मायके चली गई । आज जब उसका लड़का सियाना हुआ।
इस लायक हुआ कि वह मुल्लाजी से टक्कर ले सके तो वह विधवा अपने लड़के के साथ आकर मुल्लाजी से अपना मकान खाली करा रही है। मुल्लाजी ने जब यह मकान खाली नहीं किया तो उसने कब्जा लेने के लिए इनके सामान को निकाल कर बाहर रख दिया है और इनसे कह रही हैजो तुमने अपना मकान अब बना लिया है। मय बाल बच्चों के उस मकान में रह रहे हो ।फिर मेरी कोठी पर कब्जा क्यों किए हुए हो? उस्ताद मुल्लाजी बुड्ढे की बातों को सुनकर क्रोधित स्वर में बोले- इस प्रकार से गुंडागिरी करके मकान खाली नहीं कराना चाहिए ।
अदालत में जाएं ।अदालत जो फैसला कराएं ।मुल्लाह जब बड़ी तेजी से यह सब बातें कह रहे थे तभी एक 70 वर्षीय महिला भीड़ को हटाते हुए आकर बोली--मुल्ला जी खुदा का कुछ तो डर करो ।यह झूठ क्यों बोल रहे हो ? मैं दूर खड़ी हुई सब सुन रही थी ।तुम्हें रिटायरमेंट के बाद मेरे शौहर ने तुम्हें एक नेक इंसान मानकर नीचे के खाली पड़ा कोठी के नीचे के हिस्से में तुम्हें रख लिया था ।लेकिन तुमने अपनी बद नियति मेरे आदमी की तुमने हत्या करा दी ।
मैं फरियाद लेकर सब जगह दौड़ती रही ।मेरी किसी ने नहीं सुनी । मुलायम सिंह का राज होने के कारण तुम्हारी सभी ने सुनी। तुमने मेरे अबोध बालक की हत्या का डर दिलवाकर इतना भयभीत किया था कि मैं तुम्हारे डर के कारण अपने 5 वर्षीय पुत्र को लेकर मायके में जाकर रहने लगी थी । आज जब मेरा पुत्र जवान हुआ और उसे पुलिस में नौकरी मिली तो आज आकर तुमसे मकान खाली कर रही हूं।
कौन सा गुनाह कर रही हूं ? जब यह महिला सब बातें कह रही थी तभी एसपी के साथ उस विधवा बूढ़ी औरत का पुत्र आ गया। सीओ ने भीड़ को हटाते हुए मुल्लाजी से बोले- तुम इतना झूठ क्यों बोल रहे हो ? तुम्हारे साथ गैर इंसाफ हो रहा है ? जिसकी कोठी है आज वह उस अपनी कोठी में रहना चाहता है । उस कोठी को तुमसे उसने खाली करा लिया ।कब्जा कर लिया।
मैंने सभी कागजात देख लिए हैं तथा पूरे मोहल्ले से इंक्वायरी कर ली कर ली है । यह कोठी पुराने जमीदार विक्रम राव की है और यह विधवा औरत उन्हीं की पत्नीभी है । यह युवक उन्ही का लड़का है। मुल्लाजी तुम्हें यह पता नहीं है। तुम्हारे खिलाफ राय साहब की हत्या का मुकदमा अदालत में दर्ज हो गया है और राय साहब की हत्या करने वाले मुलजिम ने अपना अपना जुर्म कबूल कर लिया है ।
इस हत्या को कराने में तुम्हारा नाम लिया है और तमाम सबूत कोर्ट में दाखिल हो चुके हैं। तुम्हारे खिलाफ कोर्ट कायस गिरफ्तारी वारंट भी है। लेकिन तुम फरार थे ।अच्छा हुआ कि तुम आज अचानक मिल भी गए। तुम्हारे सामने जो यह युवक खड़ा हुआ है । उसने पहले तुम्हारे खिलाफ अदालत में अपने पिता की हत्या का मुकदमा दर्ज किया। हत्या के अपराधियों को गिरफ्तार भी कराया। उन्ही अपराधियों के बयान पर तुम्हारा गिरफ्तारी का वारंट भी बना ।
इसकी जानकारी होने पर तुम फरार हो गए। आज जब यह मकान खाली हो रहा था तो तुम कुछ अपने लोगों को लेकर संप्रदाय बवाल खड़ा करना चाहते थे । इस युवक ने कानून को अपने हाथ में ना लेकर पुलिस को खबर की।सीओ यह सब बात कही रहे थे तभी एसपी बोले-मुल्लाजी यह बहुत ड्रामा हो चुका है ।तुम्हें कायदा कानून के अनुसार गिरफ्तार किया जा रहा है ।
तुम जैसा धूर्त व्यक्ति कौन होगा ? जिसने तुम्हें शरण दी उसकी तुमने उसकी कोठी पर कब्जा करने के लिए उसकी हत्या करा दी । इतना कहकर एसपी ने सिपाहियों को मुल्लाह को गिरफ्तार का आदेश दिया। आदेश मिलते ही सिपाहियों ने मुल्लाह उस्मान को हथकड़ी पहना दी । खड़ी हुई जनता अब पुलिस और न्यायालय की कार्रवाई पर बड़ी खुश हो रही थी। योगीराज के न्याय की जनता नारे लगाने लगी।
जब पुलिस मुल्लाह उस्मान को गिरफ्तार करके ले गई । तब खड़ी जनता की भीड़ कह रही थी । तुष्टीकरण की नीति ने इस विधवा को 20 वर्ष तक न्याय नहीं देने दिया ।आज बिचारी को न्याय मिल गया है। योगी जी के राज में तुष्टीकरण की नीति समाप्त हो गई है। आज न्याय आजाद हो गया है। अब कानून न्याय का राज है ।पुलिस पर किसी का दबाव नहीं हो रहा है । पुलिस अपने विवेक से काम कर रही है।
बृज किशोर सक्सेना किशोर इटावी कचहरी रोड मैनपुरी