नशा मुक्ति केंद्र में युवक के गुप्तांग में लाइटर डाला ; संचालक सहित 4 गिरफ्तार
मध्यप्रदेश के रीवा शहर स्थित संकल्प नशा मुक्ति केंद्र के संचालक समेत चार लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
दरअसल, विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र में संचालित संकल्प नशा मुक्ति केंद्र से मंगलवार को एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई थी। जहां विगत ढाई वर्षों से भर्ती नशे के आदी एक युवक के साथ नशा मुक्ति केंद्र के संचालक और कर्मचारियों ने बर्बरता की सारी हदें पार कर दी थीं। केंद्र के संचालक और कर्मचारियों ने मिलकर पीड़ित के गुप्तांग में गैस चूल्हे का लाइटर डालकर उसे बुरी तरह घायल कर दिया था।
इस वजह से उसके पेट की आंत तक फट गई थी और युवक गंभीर रूप से घायल हो गया था। नशा मुक्ति केंद्र के प्रबंधन ने मामले को छुपाने का भरसक प्रयास किया और अस्पताल में ले जाकर पीड़ित का ऑपरेशन करवा दिया। उसके बाद यह घटना आग की तरह फैल गई और आरोपियों की करतूत भी उजागर हो गई।
पुलिस ने पीड़ित के परिवार से बाद में आने को कहा मामले पर जानकारी लगते ही पीड़ित के परिजन शिकायत करने विश्वविद्यालय थाना पहुंचे। लेकिन पुलिस ने जांच का हवाला देते हुए बाद में आने को कहा। इसके बाद पीड़ित के परिजन एसपी ऑफिस पहुंचे और पीड़ित के साथ हुई ज्यादती की दास्तां एसपी विवेक सिंह को बताई। उसके बाद एसपी ने संबधित थाने को तत्काल मामला दर्ज कर कार्रवाई के निर्देश दिए।
सोमवार को ही एसपी के निर्देश पर विश्वविद्यालय पुलिस के द्वारा संकल्प नशा मुक्ति केंद्र के संचालक और उसके भतीजे के अलावा तीन अन्य कर्मचारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया और पुलिस की टीम गठित कर कार्रवाई शुरु की गई। संचालक समेत चार आरोपी गिरफ्तार, एक हुआ फरार मंगलवार की सुबह पुलिस टीम ने पांचों नामजद आरोपियों की तालाश शुरु की और देर शाम चार आरोपियों को दबोच लिया। पकड़े गए आरोपियों में संकल्प नशा मुक्ति केंद्र के संचालक सहित 4 को गिरफ्तार किया गया है।
जबकि एक फरार आरोपी की तलाश जारी है। पकड़े गए आरोपियों में संकल्प नशा मुक्ति केंद्र का संचालक विवेंद्र अवस्थी, शिवाकांत अवस्थी, सहित दो कर्मचारी पुलिस की हिरासत में हैं। जबकि एक अन्य आरोपी अब भी फरार है, जिसकी तलाश में पुलिस की टीम लागातार दबिश दे रही है। 'मारा-पीटा और गुप्तांग में डाला लाइटर' पीड़ित (बदला हुआ नाम) राजू ने नशा मुक्ति केंद्र में उसके साथ हुई बर्बरता की दास्तां खुद उसने बयां की थी।
उसने बताया था कि नशा मुक्ति केंद्र के संचालक विवेंद्र अवस्थी और उसका भतीजे शिवकांत अवस्थी और कर्मचारी कैलाश तिवारी सहित अमित चतुर्वेदी ने उसके साथ काफी ज्यादती की। पीड़ित ने बताया कि नशा मुक्ति केंद्र के कर्मचारी अकसर उसके साथ बर्बरता पूर्वक मारपीट करते और भद्दी-भद्दी गालियां देते थे। बेदम पिटाई के बाद दुष्कृत्य, फिर प्राइवेट पार्ट में डाला लाइटर बीते दिनों पूर्व उसकी इतनी पिटाई की गई कि उसके पैरों में बुरी तरह से सूजन आ गई। उनके द्वारा की गई बर्बरता का सिलसिला यहीं नहीं थमा।
पीड़ित के साथ आरोपियों ने मिलकर पहले उसका यौन उत्पीड़न किया। बाद में उसके गुप्तांग में गैस जलाने वाला एक बड़ा लाइटर डाल दिया, जिससे उसकी आंत फट गई और उसके शरीर से खून बहने लगा। इस बात की भनक जब नशा मुक्ति केंद्र के संचालक को हुई तो तत्काल उसे संजय गांधी अस्ताल में भर्ती करवाया। फिर बिना परिजनों को सूचना दिए ही उसका ऑपरेशन करवा दिया। इसके बाद ही मामले ने तूल पकड़ लिया। तसीलदार और एसडीओपी ने केंद्र से जब्त किए दस्तावेज पूरे मामले को लेकर एसपी विवेक सिंह ने बताया कि इस पूरे मामले में पांच नामजद आरोपी बनाए गए हैं।
उनमें से संचालक सहित चार को हमने गिरफ्तार कर लिया है। उनसे पूछताछ की जा रही है। पूछताछ के आधार पर इसमें अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। फरार जो पांचवां आरोपी है उसको पकड़ने के भी हम प्रयास में हैं। लेकिन जो मुख्य आरोपी है वह हमारे हिरासत में है। नशा मुक्ति केंद्र की जो बिल्डिंग है उसको लेकर कल रात में ही एक कमेटी गठित की गई है। उसमें तहसीलदार एसडीओपी ने वहां पर जाकर पूरे दस्तावेज जब्त कर लिए हैं।
उसके बाद उसमें सामाजिक न्याय विभाग से उस पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। 2021 में नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती हुआ था पीड़ित जानकारी के मुताबिक, संकल्प नशा मुक्ति केंद्र में 25 जुलाई 2021 राजू को भर्ती कराया था। वजह यह थी कि वह नशे की लत का शिकार हो चुका था। नशे की लत को छुड़ाने के लिए परिजनों ने नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराया था। इसको लेकर संचालक प्रतिमाह 15 से 18 हजार रुपये की राशि लेता था।
लेकिन जब पीड़ित की पत्नी उससे मिलने जाती तो उसे मिलने नहीं दिया जाता था। यह कहकर भगा दिया जाता था कि यहां पर सब पुरुष रहते हैं और नशा करने की वजह से उनका मानसिक संतुलन सही नहीं रहता। इस वजह से आप मिल नहीं सकतीं और यही बात कहकर परिजनों को पीड़ित से नहीं मिलवाया जाता था। वहीं, पूरे मामले पर पीड़ित के चचेरे भाई ने संकल्प नशा मुक्ति केंद्र के प्रबंधन पर ह्यूमन ट्रैफिकिंग जैसे गंभीर आरोप लगाए थे।