खुश रहें खुशी बाँट कर

Sep 23, 2023 - 09:04
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खुश रहें  खुशी बाँट कर
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खुश रहें खुशी बाँट कर

कहते है अपनी जिन्दगी है सुन्दर तब हम खुश हैं जब।पर जिन्दगी है अति सुन्दर तब हैं दूसरे खुश हमारे कारण जब।खुशी बाँट कर खुश होना । हम देखते है नदी अपना पानी स्वयं नहीं पीती है वह दुसरो को पानी देकर खुश होती है । पेड़ अपने फल स्वयं नहीं खाते हैं वह दुसरो को फल देकर खुश होते है ।

सूरज अपना प्रकाश स्वयं अपने पास तक ही नहीं रखता है बल्कि वह प्रकाश बाँट कर खुश होता है । चाँद अपनी शीतलता स्वयं तक सीमित नहीं रखता वह शीतलता प्रदान कर खुशी देता है । कभी कभी मैं सोचता हूँ कि दिन ख़त्म होने तक मेरा थकान से बुरा हाल हो जाता है यानी मेरे अंदर दिन भर सख़्त काम करने की ताक़त और हिम्मत, सिर्फ ईश्वर गुरु और धर्म की मेहर से है ।

तो भीतर से अच्छा लगता हैं की मेरा काम पूर्ण लगन और निश्चिंत मन से हुआ जो वाक़ई मुझे आत्मसंतुष्टि दे गया और काम में चिंतारहित मन भी लगा रहा।आध्यात्मिक ही नहीं,वैज्ञानिक तथ्य भी है कि लगन और निश्चिंतता की नेकी जीवन में सफलता ही लाती हैं। चार दिन है जि़न्दगी हंसी खुशी में काट ले ।

मत किसी का दिल दुखा दर्द सबके बाँटले । कुछ नही हैं साथ जाना एक नेकी के सिवा ।कर भला होगा भला गाँठ में ये बांध ले ।जीने के इस फॉर्मूले पर अमल करते हुए हमे अपनी और अपने लोगों की ज़िंदगी सुकून की बनानी है। यह सम्भव तब होगा जब कभी न रहें हम केवल अपने में ही सिमट कर।रहें अति खुश खुशी बाँट कर। प्रदीप छाजेड़ ( बोरावड़ )

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