टीईटी पास करना अनिवार्य: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, प्रमोशन और सेवा में बने रहने के लिए जरूरी

Sep 2, 2025 - 08:40
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टीईटी पास करना अनिवार्य: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, प्रमोशन और सेवा में बने रहने के लिए जरूरी

टीईटी पास करना अनिवार्य: सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, प्रमोशन और सेवा में बने रहने के लिए जरूरी

नई दिल्ली। शिक्षा व्यवस्था से जुड़ा एक महत्वपूर्ण फैसला सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया है। अदालत ने स्पष्ट कर दिया है कि अब शिक्षकों के लिए टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (TET) पास करना अनिवार्य होगा। यह नियम उन सभी शिक्षकों पर लागू होगा जो **सेवा में बने रहना चाहते हैं या प्रमोशन की उम्मीद रखते हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार, जिन शिक्षकों के पास 5 वर्ष से अधिक की सेवा अवधि शेष है, उन्हें अनिवार्य रूप से TET परीक्षा उत्तीर्ण करनी होगी।

कोर्ट ने यह भी कहा है कि जो शिक्षक परीक्षा में असफल रहते हैं, वे या तो सेवा से इस्तीफा दे सकते हैं या अनिवार्य सेवानिवृत्ति लेकर अपने सेवा लाभ (टर्मिनल बेनिफिट्स) प्राप्त कर सकते हैं। गौरतलब है कि वर्ष 2010 में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) ने TET परीक्षा को शिक्षक भर्ती के लिए अनिवार्य किया था। पहले इस परीक्षा को पास करने के लिए शिक्षकों को 5 साल का समय दिया गया था, जिसे बाद में 4 साल और बढ़ा दिया गया। हालांकि, मद्रास हाईकोर्ट की बेंच ने जून 2025 में यह फैसला सुनाया था कि 29 जुलाई 2011 से पहले नियुक्त शिक्षक, यदि सेवा में बने रहना चाहते हैं तो उन्हें TET पास करने की आवश्यकता नहीं होगी, लेकिन प्रमोशन के लिए यह परीक्षा पास करना अनिवार्य होगा। अब सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए कहा है कि सेवा में बने रहने और पदोन्नति, दोनों ही स्थितियों में TET उत्तीर्ण करना जरूरी है।

सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों को लेकर कोई अंतिम निर्णय नहीं सुनाया है। अदालत ने यह मामला अपनी बड़ी संविधान पीठ को रेफर कर दिया है। अब यह बेंच तय करेगी कि क्या राज्य सरकारें इन संस्थानों में कार्यरत शिक्षकों पर भी TET अनिवार्य कर सकती हैं और क्या यह उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होगा।