Supreme Court - यह सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है, सेना कहां तैनात होगी तय करना उचित नहीं

Supreme Court : सेना तैनाती का आदेश देने से इनकार

Jul 12, 2023 - 08:19
 0  33
Supreme Court - यह सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है, सेना कहां तैनात होगी तय करना उचित नहीं
Follow:

सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर में हिंसा प्रभावित आदिवासी इलाकों में लोगों के जानमाल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारतीय सेना और अर्द्धसैनिक बलों को आदेश देने से इनकार कर दिया। शीर्ष कोर्ट ने कहा कि वह अपने अस्तित्व के 72 सालों में कभी भी भारतीय सेना को सैन्य, सुरक्षा या बचाव अभियान चलाने के बारे में निर्देश नहीं दिया है। हालांकि शीर्ष न्यायालय ने केंद्र व राज्य दोनों सरकारों को मणिपुर के लोगों के जीवन व स्वतंत्रता की सुरक्षा करने का आदेश दिया है। 

मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी.एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि ‘लोकतंत्र की सबसे बड़ी पहचान सेना पर नागरिक नियंत्रण है और इसलिए वह इसका उल्लंघन नहीं कर सकते।’ पीठ ने यह भी कहा कि कानून और व्यवस्था संभालने और बनाए रखने की जिम्मेदारी और राज्य की सुरक्षा का संरक्षण चुनी हुई सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता है। पीठ ने कहा कि न्यायालय के लिए सेना और अर्द्धसैनिक बलों को निर्देश जारी करना अनुचित होगा। इतना ही नहीं, न्यायालय ने कहा कि सेना के विशेष बटालियन को कहां तैनात करना है और कहां नहीं, इस बारे में हम आदेश नहीं दे सकते। 

 सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि ‘कानून और व्यवस्था बनाए रखना और राज्य की सुरक्षा का संरक्षण कार्यकारी क्षेत्र में आता है, ऐसे में हमारा विचार है कि न्यायिक कार्य के अभ्यास में सेना और अर्द्धसैनिक बलों को निर्देश देना, इस न्यायालय के लिए उचित नहीं होगा।’ यह टिप्पणी करते हुए न्यायालय ने कहा कि हम केंद्र और राज्य दोनों सरकारों को मणिपुर के लोगों की जीवन और स्वतंत्रता की सुरक्षा, सुनिश्चित करने का आदेश देते हैं।

केंद्र सरकार का आश्वासन झूठा था सर्वोच्च न्यायालय में मणिपुर में भड़की हिंसा से लोगों के जान-माल की सुरक्षा को लेकर दाखिल कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। इस मामले में मणिपुर ट्राइबल फोरम की ओर से एक अर्जी दाखिल की गई, जिसमें आरोप लगाया गया था कि इस मुद्दे से निपटने को लेकर न्यायालय के समक्ष केंद्र सरकार द्वारा पेश आश्वासन झूठा था। यह फोरम उन पक्षकारों में शामिल है जिन्होंने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) शिविरों में भागकर गए मणिपुरी आदिवासियों को निकालने और उन लोगों को सुरक्षा घेरे में अपने घरों तक सुरक्षित पहुंचाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार को आदेश देने की मांग की थी।

शीर्ष न्यायालय में 8 मई को मणिपुर सरकार ने आश्वासन दिया था कि जारी हिंसा के संबंध में चिंताओं का समाधान किया जाएगा और सक्रिय आधार पर उपचारात्मक उपाय किए जाएंगे। पीठ ने तब राहत शिविरों में उचित व्यवस्था करने और विस्थापित लोगों के पुनर्वास और धार्मिक पूजा स्थलों की सुरक्षा के लिए आवश्यक सावधानी बरतने का आदेश दिया था। इस मामले की सुनवाई के दौरान मंगलवार को ट्राइबल फोरम ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आदिवासी इलाकों में सेना की तैनात करने की मांग की थी।