Agra News : 1 करोड़ की रिश्वत से 'दवा माफिया' को बचाने की नाकाम कोशिश: STF के शिकंजे में आगरा का हेमा मेडिको मालिक
1 करोड़ की रिश्वत से 'दवा माफिया' को बचाने की नाकाम कोशिश: STF के शिकंजे में आगरा का हेमा मेडिको मालिक

"1 करोड़ की रिश्वत से 'दवा माफिया' को बचाने की नाकाम कोशिश: STF के शिकंजे में आगरा का हेमा मेडिको मालिक!"
◆ नकली दवाओं के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, एशिया के सबसे बड़े दवा बाजार में 214 कार्टून सीज, ढाई करोड़ की अवैध दवाएं जब्त
आगरा । आगरा में नकली दवाओं के धंधे पर लगाम लगाने निकली टीम को उस वक़्त बड़ा झटका लगा, जब हेमा मेडिको के मालिक हिमांशु अग्रवाल ने पूरे ऑपरेशन को रुकवाने के लिए यूपी एसटीएफ और ड्रग विभाग की टीम को **1 करोड़ रुपये की रिश्वत** देने की पेशकश की। मगर ईमानदार अफसरों ने न दबाव झेला, न प्रलोभन स्वीकार किया। उल्टा हिमांशु को रंगे हाथों **रकम समेत गिरफ्तार कर लिया गया**।
★ ईमानदारी की मिसाल बने अफसर: - इस पूरी कार्रवाई में **STF इंस्पेक्टर यतीन्द्र शर्मा** और **ड्रग असिस्टेंट कमिश्नर (बस्ती मंडल) नरेश मोहन दीपक** की नेतृत्व वाली टीम की सख्ती और निष्ठा ने आगरा के दवा बाजार में वर्षों से फैले नकली दवाओं के जाल को झकझोर कर रख दिया।
★ एशिया का सबसे बड़ा 'नकली दवा बाजार' बेनकाब: - छापेमारी के दौरान आगरा के दवा बाजार से **214 कार्टून नकली और प्रतिबंधित दवाएं सीज की गईं**, जिनकी बाजार कीमत लगभग **₹2.5 करोड़** आंकी गई है। यह वही बाजार है जिसे वर्षों से **नकली और नशीली दवाओं की तस्करी का गढ़** माना जाता रहा है, लेकिन अब लगाम कसने की शुरुआत हो चुकी है।
★ भ्रष्टाचार की कोशिश, माफियाओं को नहीं आई रास: - हिमांशु अग्रवाल की रिश्वत देने की कोशिश ने यह साफ कर दिया कि नकली दवा माफिया अब **घबराहट में कानून के रखवालों को खरीदने की कोशिश** में लग गए हैं। लेकिन STF और ड्रग विभाग की सख्ती ने इस बार उनका खेल बिगाड़ दिया।
★ जनता से अपील: - स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वाले इन माफियाओं को बेनकाब करने में जनता की भी भागीदारी जरूरी है। यदि किसी को नकली, नशीली या अवैध दवाओं के कारोबार की जानकारी हो, तो तुरंत प्रशासन से संपर्क करें।
★ जांच जारी: - पुलिस अब इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की तलाश में जुटी है। जांच का दायरा पूरे प्रदेश के अन्य जिलों तक बढ़ाया जा रहा है।
■ निष्कर्ष: - आगरा में नकली दवाओं का यह पर्दाफाश और भ्रष्टाचार को बेनकाब करने वाली यह कार्रवाई न सिर्फ सिस्टम पर भरोसा बढ़ाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि जब ईमानदार अफसर मोर्चा संभालें, तो माफिया कितने भी पैसे लगा लें — कानून के सामने नहीं टिक सकते।