AK203 राइफल अब पूरी तरह स्वदेश में निर्मित होगी

Jul 18, 2025 - 21:57
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AK203 राइफल अब पूरी तरह स्वदेश में निर्मित होगी

AK203 राइफल अब पूरी तरह स्वदेश में निर्मित होगी

दिल्ली से 25 से अधिक रक्षा पत्रकारों के एक दल ने 17 जुलाई, 2025 को कोरवा स्थित इंडो-रशियन राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड फैक्ट्री का दौरा किया। सीईओ एवं एमडी मेजर जनरल एस. के. शर्मा ने प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत की और उन्हें राइफलों के उत्पादन में आईआरआरपीएल द्वारा की गई प्रगति के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि आईआरआरपीएल का लक्ष्य 31 दिसंबर 2025 तक AK203 राइफल का 100% स्वदेशीकरण हासिल करना है, जिसके बाद इसे AK 203 'शेर' कहा जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि आईआरआरपीएल ने भारतीय सेना को 48,000 से ज़्यादा राइफलें सौंपी हैं और 2030 तक भारतीय सेना की राइफल आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अगले साल तक उत्पादन बढ़ाकर 1.5 लाख राइफल प्रति वर्ष करने का लक्ष्य रखा है।

मेजर जनरल एसके शर्मा ने आगे कहा कि आईआरआरपीएल इस बढ़ी हुई उत्पादन क्षमता के साथ निर्यात को भी लक्षित कर रहा है। उन्होंने बताया कि वे इन राइफलों को भारतीय अर्धसैनिक बलों और राज्य पुलिस बलों को भी बेचेंगे। उन्होंने कहा, "हमारा लक्ष्य 2030 तक आईआरआरपीएल को विश्व की शीर्ष 5 असॉल्ट राइफल उत्पादन कंपनियों में से एक बनाना है।" इसके बाद प्रतिनिधिमंडल ने आईआरआरपीएल फायरिंग रेंज में फायरिंग प्रदर्शन देखा और अधिकारियों से बातचीत की। आईआरआरपीएल भारत और रूस के बीच एक अनूठा संयुक्त उद्यम है। इसमें सीईओ और एमडी सहित, 3 वरिष्ठ कर्मचारी भारतीय सेना में सेवारत हैं। साथ ही स्थायी रूसी विशेषज्ञ और भारतीय सेना के पूर्व सैनिक भी यहां कार्यरत हैं। कोरवा स्थित आईआरआरपीएल कारखाना स्थानीय लोगों और युवाओं को भी रोज़गार प्रदान करता है।