कछुए की अगूंठी पहनने से जाग जाता है भाग्य, इन राशियों वाले न पहनें

Sep 11, 2023 - 14:57
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कछुए की अगूंठी पहनने से जाग जाता है भाग्य, इन राशियों वाले न पहनें
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कछुए की अंगूठी काफी प्रचलन में रहती है। इस कारण अधिकतर लोग इसे फैशन के तौर पर पहन लेते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह धन लाभ के साथ सुख-समृद्धि का कारक माना जाता है।

लेकिन वहीं कुछ नियमों का पालन न करने पर कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र में कछुए का विशेष महत्व है। दरअसल, कछुए को भगवान विष्णु के कच्छप अवतार का स्वरूप माना जाता है। ऐसे में इस रत्न को धारण करने से मां लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है।

रत्न शास्त्र के अनुसार इस अंगूठी के प्रभाव से पहनने वाले व्यक्ति के जीवन में सुखद बदलाव आते हैं। कछुआ पानी में रहने वाला जीवन है और माता लक्ष्मी की उत्पत्ति भी समुद्र मंथन के दौरान हुई थी। इस कारण जल के गुण होने के कारण शीतलता है। इसलिए अगर किसी व्यक्ति का स्वभाव उग्र है और आर्थिक स्थिति बुरी है, तो इस अंगूठी को पहनना लाभकारी सिद्ध हो सकती है।

ये राशियां न पहनें कछुए की अंगूठी रत्न शास्त्र के अनुसार, आमतौर पर माना जाता है कि कछुए की अंगूठी पहनने से लाभ ही लाभ मिलता है। लेकिन कुछ राशि के जातकों को इस अंगूठी को पहनने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे आर्थिक स्थिति पर बुरा असर पड़ सकता है। इसलिए मेष, कन्या, वृश्चिक और मीन राशि के जातकों को नहीं पहनना चाहिए। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ये राशियां जल तत्व की राशियां मानी जाती है। ऐसे में इस अंगूठी को धारण करने से शीत की प्रकृति अधिक बढ़ जाती है।

लेकिन अगर आपका व्यवहार उग्र रहता है और दिमाग शांत नहीं रहता है, तो इस अंगूठी को धारण कर सकते हैं। ऐसे में इस अंगूठी को पहनने से धन हानि का सामना करना पड़ सकता है। ये राशियां पहनें कछुए की अंगूठी रत्न शास्त्र के अनुसार, वृषभ और मकर राशि के जातक इस अंगूठी को धारण कर सकते हैं। इससे आर्थिक लाभ के साथ धन-धान्य की बढ़ोतरी होती है। इसके साथ ही आत्मविश्वास की बढ़ोतरी हो जाती है। इसके साथ ही लव लाइफ अच्छी बीतती है।

कछुए की अंगूठी पहनने का तरीका कछुए की अंगूठी हमेशा चांदी की ही पहननी चाहिए। इसके साथ ही कछुए की पीठ में 'श्री' गुदवाना चाहिए। किसी भी मास की पूर्णिमा तिथि के दिन अंगूठी को घर लाएं। इसके बाद गाय, दही, गंगाजल, शहद, तुलसी पत्र को मिलाकर पंचामृत बना लें। इसके बाद भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी के सामने घी का दीपक जलाकर 'ऊँ भगवते कुर्माय ह्रीं नमः:' मंत्र का 108 बार जाप करें। इसके बाद एक पात्र में अंगूठी रखकर पंचामृत से स्नान कराएं। इसके बाद गंगाजल डालें। फिर अंगूठी को पहन लें। इस बात का ध्यान रखें कि कछुए का मुख आपकी तरफ होनी चाहिए। इससे धन लाभ होता है।