कान्हा विहार कालोनी हरदासी खेड़ा के छठ महापर्व के वृतियों ने की सूर्योपासना

Nov 8, 2024 - 08:43
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कान्हा विहार कालोनी हरदासी खेड़ा के छठ महापर्व के वृतियों ने की सूर्योपासना
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कान्हा विहार कालोनी हरदासी खेड़ा के छठ महापर्व के वृतियों ने की सूर्योपासना

■ 8 नवंबर की सुबह उगते हुए सूर्य देव को दिया जाएगा अर्घ्य

 लखनऊ। देश के अलग-अलग राज्यों में छठ महापर्व को धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। नहाए-खाए, खरना और संध्याकाल में डूबते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देने के बाद 8 नवंबर की सुबह उगते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देने के साथ ही इस महापर्व का समापन हो जायेगा। छठ का त्योहार छठ मैया और भगवान सूर्य देव को समर्पित होता है। इस त्योहार में सूर्य देव की उपासना का विशेष महत्व माना जाता है। मान्यता है कि छठ पर्व पर सूर्य देव की पूजा अर्चना करने से जीवन में सुख, शांति, समृद्धि और सफलता मिलती है। संतान प्राप्ति और संतान के कल्याण के लिए भी सूर्य उपासना बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है।

छठ महापर्व के चौथे और आखिरी दिन उगते हुए सूर्य देव की पूजा अर्चना की जाती है और अर्घ्य दिया जाता है, इसके साथ ही व्रती महिलाएं अपने छठ व्रत का पारण करती हैं। छठ पर्व में उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देना एक अत्यंत महत्वपूर्ण अनुष्ठान होता है। सूर्य को जीवन का कारक माना जाता है। वह सौरमंडल का केंद्र है और सभी ग्रहों को प्रकाश और ऊर्जा प्रदान करता है। उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर भक्तजन सूर्य देवता से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं और अपने जीवन में सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना करते हैं। मान्यता है कि सूर्य देव की उपासना से संतान प्राप्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है और संतान को लंबी आयु व स्वस्थ जीवन का भी आशीर्वाद मिलता है। सूर्य उपासना प्रकृति के प्रति कृतज्ञता का प्रतीक भी है। छठ पर्व में अर्घ्य देने की प्रक्रिया में भक्त साफ-सुथरे कपड़े पहनकर नदी या तालाब में खड़े होकर सूर्य देव की उपासना करते हैं और अर्घ्य देते हैं।

इसी क्रम में कान्हा विहार कालोनी हरदासी खेड़ा चिनहट लखनऊ में तृतीय छठ पूजा का आयोजन किया गया। छठ व्रत करने वाली महिलाओं में बेबी गुप्ता, ज्योति गुप्ता, रूबी सिंह, किस्मती सिंह, साधना देवी, सुशीला देवी, पुष्पा देवी, अंजू, मंजू, निशा, सृष्टि, उषा, दुर्गावती, उपासना, पुनीता देवी आदि ने *ओम आदित्याय नमः, ओम छठी मैया नमः* का जाप करते हुए सूर्यदेव को नमन किया। वृती महिलाओं के साथ संरक्षक कमलाकर गुप्ता, शिवकुमार कुशवाहा, बृजेश सिंह, शैलेंद्र चौहान, सनत तिवारी, सत्येंद्र पासवान, मुख्तर शाह, सचिन पांडे, जयराम कुशवाहा, सर्वेश पाठक, रंजीत चौहान, आदर्श कुमार मौर्य, अर्जुन शर्मा, सुशील कुमार कुशवाहा, वीरेंद्र प्रसाद, शिवकुमार रावत आदि ने भी बढ़-चढ़ कर भाग लिया।

 दया शंकर चौधरी।