रमपुरा का विद्यालय बाढ़ की चपेट में लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते कागजों में फिर भी संचालित
रमपुरा का विद्यालय बाढ़ की चपेट में लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते कागजों में फिर भी संचालित
सूत्रों के अनुसार शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों की छत्र छाया में फल फूल रहा गोरख धंधा
शमशाबाद ब्लॉक क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों में आजकल पिछले एक महीने से बाढ़ का जल सैलाब देखा जा रहा इस जल सैलाब के प्रकोप के चलते कटरी क्षेत्र के लगभग आधा सैकड़ा से भी ज्यादा गांव चपेट में चल रहे हैं गंगा में बहने वाला बाढ़ का पानी खेत खलिहान से लेकर गांव गली यहां तक कि घरों में भी बहता हुआ देखा जा रहा है बाढ़ का ही पानी परिषदीय स्कूलों में भी देखा जा रहा है परिणाम अधिकांश विद्यालयो शिक्षण व्यवस्थाये ठप्प चल रहीं है मालूम रहे उत्तर प्रदेश सरकार शिक्षा के विकास के लिए हजारों लाखों रुपए का बजट खर्च कर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के बच्चों को शिक्षित बनाने का प्रयास कर रही है इसके लिए विद्यालय में निशुल्क पुस्तकों का वितरण ही नहीं कर रही बल्कि इनके लिए खाने-पीने की व्यवस्थाएं भी मुहैया कराती है भोजन व्यवस्था मीनू के तहत मध्यान भोजन के रूप में उपलब्ध कराया जाता है साथ ही निशुल्क ड्रेस यहां तक सरकार बहुत कुछ उपलब्ध करा रही है वहीं शिक्षा विभाग के धिकारियों की लापरवाही के चलते स्कूलों में बाढ़ के बहाने शिक्षा के कार्यों की खाना पूरी की जा रही है कहने के लिए विद्यालय जल भरा हुआ है लेकिन इसी के बहाने विद्यालय बंद कर घरों से शिक्षण कार्य को आगे बड़ाकर खाना पूरी की जा रही है जिसका उदाहरण भी मंगलवार को देखने को मिला विकासखंड शमशाबाद क्षेत्र के रमपुरा जहा चारों तरफ जलभराव का आलम देखा जा रहा है यहीं पर स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय जहा प्रांगण में भी पानी भरा हुआ देखा जा रहा है कहने के लिए एक महीने से बाढ़ का प्रकोप जारी है बाढ़ के चलते स्कूलों में शिक्षण कार्य भी ठप चल रहा है विद्यालय के गेट पर ताला लगा हुआ देखा गया शिक्षा सूत्रों की मानें तो बताया गया विभाग के उच्चाधिकारियों द्वारा प्रावधान दिया गया सूत्रों के अनुसार विद्यालय में बाढ़ का पानी दर्शाकर बंद तो कर दिया गया लेकिन शिक्षाधिकारियो की छत्र छाया में सारे कार्य कागजों में हो रहे है शिक्षण कार्य से लेकर मध्यान भोजन तक और तो और उपस्थित लगाए जाने का कार्य भी घरों से जारी है मंगलवार को सुबह जब क्षेत्रीय प्रतिनिधि मौके पर पहुंचा तो विद्यालय गेट पर ताला लगा हुआ था प्रांगण में पानी भरा हुआ था इस संबंध में जब लोगों से जानकारी की गई तो नाम ना छापने की शर्त पर एक ग्रामीण सूत्र ने बताया शिक्षा अधिकारियों की छत्रछाया में सारे कार्य जारी है शिक्षण कार्य के अलावा क्षात्रों तथा शिक्षकों की उपस्थिति मध्यान भोजन सारे कार्य कागजों में जारी है जो वास्तविक छात्र छात्राओं के अधिकारों का हनन है सूत्रों की माने तो बताया गया है कहने के लिए विद्यालय किसी दूसरे विद्यालय से संबद्ध है लेकिन हकीकत कुछ और ही है सूत्रों का कहना था अगर उक्त मामले की जांच कराई जाए तो दूध का दूध और पानी का पानी हो सकता है लोगों का यह भी कहना था छात्र-छात्राओं के हकों पर डाका डालने वाले शिक्षकों के खिलाफ जांच कराकर कानूनी कार्रवाई की जाए जो अन्य शिक्षको के लिए एक उदाहरण हो