शेख हसीना का प्रत्यर्पण करने को बीएनपी नेता ने भारत के समक्ष उन्हें बांग्लादेश को कानूनी तरीके से सौंपने की कहा
शेख हसीना का प्रत्यर्पण करने को बीएनपी नेता ने भारत के समक्ष उन्हें बांग्लादेश को कानूनी तरीके से सौंपने की कहा
ढाका। बांग्लादेश में अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ माहौल और खराब किया जा रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने भारत से अपदस्थ प्रधानमंत्री और अवामी लीग की प्रमुख शेख हसीना का प्रत्यर्पण करने को कहा है।
बीएनपी नेता ने भारत के समक्ष उन्हें बांग्लादेश को सौंपने की मांग इसलिए रखी है ताकि शेख हसीना के खिलाफ बांग्लादेश में आंदोलन को दबाने की साजिश के आरोप में उन पर मुकदमा चलाया जा सके।डेली स्टार अखबार ने अपनी रिपोर्ट में बीएनपी नेता मिर्जा फखरुल के हवाले से मंगलवार को बताया है कि यह हमारा भारत से आह्वान है कि वह कानूनी तरीके से शेख हसीना को बांग्लादेश की सरकार को सौंप दे।
बांग्लादेश की जनता ने हसीना के खिलाफ मुकदमा चलाने का फैसला लिया है। इसलिए उन्हें मुकदमे का सामना करने दें। बीएनपी के संस्थापक और पूर्व अध्यक्ष जिया-उर-रहमान की कब्र पर फूल चढ़ाने के बाद मिर्जा फखरुल ने संवाददाताओं से कहा कि शेख हसीना को शरण देकर भारत लोकतंत्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता पर कायम होता नजर नहीं आ रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत में ठहर कर शेख हसीना ने बांग्लादेश में हुए आंदोलन को नाकाम बनाने की कई साजिशें रच रही हैं।
बांग्लादेश के लोग उनके अपराध को छोटा नहीं मानते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि हसीना के कार्यकाल में बांग्लादेश पर 18 लाख करोड़ टका का कर्ज चढ़ गया है और करीब देश के सौ अरब डालर छीन लिए गए। फखरुल ने कहा कि उनके शासनकाल में देश की सभी संस्थाओं को तबाह कर दिया गया।डेली स्टार के हवाले से ही खबर है कि शेख हसीना और 23 अन्य लोगों के खिलाफ बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध प्राधिकरण में एक और मामला दर्ज कराया गया है।
उनके खिलाफ यह चौथा मामला है जो अंतरराष्ट्रीय अपराध प्राधिकरण में दर्ज किया गया है। उनको 5 मई, 2013 में इस्लामी समूह की रैली में हुए जनसंहार के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। सुप्रीम कोर्ट के वकील गाजी एमएच तामीम ने शिकायत दर्ज करके कहा कि प्रारंभिक जांच होने के बाद आरोपितों के खिलाफ वारंट जारी किया जाएगा। ध्यान रहे कि बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ छात्र आंदोलन के दौरान 76 वर्षीय हसीना से विगत पांच अगस्त को इस्तीफा ले लिया गया और सेना ने उन्हें देश छोड़कर भागने को विवश कर दिया।
उसके बाद अपनी जान बचाकर वह भारत में शरण लेने आईं थीं। वहीं, 79 वर्षीय बीएनपी की अध्यक्ष व पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया पिछले 17 सालों से हसीना के शासनकाल में जेल में रही हैं। फिलहाल जेल से रिहा होकर वह अपना इलाज करा रही हैं।