Agra Crime News : फर्जी अल्ट्रासाउंड सेंटर पर भ्रूण लिंग जांच, गर्भवती लाने पर लेते मोटी रकम
Agra Crime News : फर्जी अल्ट्रासाउंड सेंटर पर भ्रूण लिंग जांच, गर्भवती लाने पर लेते मोटी रकम
आगरा । सिकंदरा के बाईंपुर में पकड़े गए भ्रूण लिंग जांच के खेल के पीछे एक डाक्टर आरके का नाम सामने आया है। वह सिर्फ नजर रखता था।
सारा काम 12वीं पास आपरेटर और एजेंट करते थे। गर्भवती से 7 से 8 हजार तक लिए जाते थे। इस रकम में से एजेंट से लेकर ऑपरेटर को कमीशन मिलता था। मकान मालिक भी अपना हिस्सा लेता था। पकड़े गए आरोपियों से पुलिस की पूछताछ में यह जानकारी सामने आई है। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम को बाईंपुर में काफी समय से भ्रूण लिंग जांच कराने वाले गिरोह के सक्रिय होने की जानकारी मिल रही थी।
इस पर थाना प्रभारी निरीक्षक सिकंदरा नीरज शर्मा, एसओजी-सर्विलांस प्रभारी जैकब फर्नांडिस, एसआई सुमित सहित अन्य की टीम लगी थी। इसके बाद योगेंद्र सिंह उर्फ बनिया, मोहन सिंह यादव उर्फ बंटी, देवेंद्र सिंह, सुंदर सिंह, अतुल कुमार और एक महिला को गिरफ्तार किया गया। पुलिस की पूछताछ में पता चला कि अतुल कुमार मकान मालिक है। उसने 2 महीने पहले अपना मकान किराये पर दिया था। उसने तय किया था कि ग्राहकों के आने पर अपना कमीशन भी लेगा। इसके अलावा मोहन सिंह एजेंट है।
उससे पूछताछ में पता चला कि पूरे खेल के पीछे एक डाक्टर आरके है। वह फोन से सभी के संपर्क में रहता है। जरूरत पडऩे पर आता है। योगेंद्र और देवेंद्र भाई हैं। योगेंद्र 12वीं पास है। उसको अल्ट्रासाउंड मशीन चलाना आता है। मोहन को अन्य लोग फोन करके बताते थे कि किसे कहां से लेकर आना है। इसके बाद वह फोन से संपर्क करता था। महिलाओं के आने पर अपने यहां लेकर आते थे। एक स्थान पर ज्यादा दिन तक आरोपी नहीं रुकते थे।
कुछ ही दिन में अपना ठिकाना बदल देते थे। सप्ताह में 4 से 5 अल्ट्रासाउंड करके भ्रूण की जानकारी देते थे। इससे 35 से 40 हजार तक की कमाई हो जाती थी। इस रकम में से हर किसी का हिस्सा तय होता था। आरोपियों को किसी बात का डर नहीं था। वह महिलाओं के आने पर जांच करते थे। इसके बाद भ्रूण का लिंग बता दिया जाता था।
एजेंट पहले से रकम लेकर रखते थे। वहीं अधिकतर महिलाएं गांव से आती थीं। ज्यादातर को लड़के की चाहत रहती थी। बेटी बताने पर महिलाएं गर्भपात के लिए भी बात करती थी। हालांकि अभी पुलिस को आरोपियों के गर्भपात कराने संबंधी कोई जानकारी नहीं मिली है।