Hardoi News : पुलिस के मालखाने से रुपये चोरी? 11 साल में नही ढूंढ पाई पुलिस

Hardoi News : पुलिस के मालखाने से रुपये चोरी? 11 साल में नही ढूंढ पाई पुलिस

Jul 21, 2024 - 12:16
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Hardoi News :  पुलिस के मालखाने से रुपये चोरी? 11 साल में नही ढूंढ पाई पुलिस
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UP हरदोई जिले में अब से 21 साल पहले लूट के शिकार हुए शख्स को पुलिस की लापरवाही और व्यवस्था की खामी ने बेहिसाब दर्द दे दिया।

 21 साल बाद लूट के बाद हुए खुलासे में बरामद रुपये मालखाने से पीड़ित के हवाले किए जाने का आदेश कोर्ट ने दिया। आदेश लेकर पीड़ित मालखाने पहुंचा, तो पता चला कि रुपये तो चोरी हो चुके हैं। बता दें कि फर्रुखाबाद जिला निवासी वीरेंद्र दीक्षित एक खाद की दुकान पर वर्ष 2003 में मुनीम थे। 30 नवंबर 2003 को वह कार से पाली से फर्रुखाबाद जा रहे थे।

सेढ़ा पुल के पास एक कार ने उनके वाहन को ओवरटेक कर रोक लिया। कार से छह-सात लोग उतरे और वीरेंद्र के चालक धीरज सक्सेना व हर्ष गुप्ता पर फायरिंग कर दी। इसी दौरान आरोपियों ने एक लाख 58 हजार रुपये से भरा बैग छीन लिया। घटना की रिपोर्ट पाली थाने में दर्ज की गई।

 पुलिस ने घटना का खुलासा कर दावा किया कि घटना में शामिल रहे मनोज के पास से 50 हजार रुपये, विक्रम के पास से 20,500 रुपये, जीतू के पास से 10600 रुपये, अखिलेश उर्फ पप्पू के पास से 10600 रुपये और हरीराम के पास से 24 हजार रुपये बरामद हुए। यह रुपये पुलिस ने सदर मालखाना में दाखिल कर दिए। रुपये वापस दिलाए जाने की मांग मामले की सुनवाई के दौरान वीरेंद्र दीक्षित ने की। 11 जुलाई को एसीजेएम अनीता ने बरामद हुए 1,15,500 रुपये वीरेंद्र दीक्षित को मालखाने से दिए जाने का आदेश जारी कर दिया।

रुपये वीरेंद्र कें हवाले किए जाने की प्रक्रिया की फोटोग्राफी कराने के आदेश भी एसीजेएम ने दिए थे। जब वीरेंद्र दीक्षित आदेश लेकर मालखाने पहुंचे, तो पता चला कि उनके रुपये मालखाने से चोरी हो चुके हैं। मालखाने में हुई चोरी का खुलासा पुलिस अब तक नहीं कर पाई। सदर मालखाना के प्रभारी की ओर से एसीजेएम प्रथम के कार्यालय में भेजी गई रिपोर्ट में बताया गया है कि लूट के बरामद रुपये मालखाने में पाली पुलिस ने जमा कराए थे।

तीन सितंबर 2013 को मालखाने में चोरी हो गई थी। इसकी रिपोर्ट भी शहर कोतवाली में दर्ज कराई गई थी। काफी प्रयास के बाद भी माल और मुलजिम नहीं मिले। मालखाने में हुई चोरी का खुलासा पुलिस अब तक नहीं कर पाई।