नोयडा के एक फर्जी कॉलसेंटर से 40 लड़के 33 लड़कियां गलत कार्य मे गिरफ्तार
नोयडा के एक फर्जी कॉलसेंटर से 40 लड़के 33 लड़कियां गलत कार्य मे गिरफ्तार
UP Crime : नोएडा के सेक्टर-90 स्थित भूटानी अल्फाथम में दबिश देकर पुलिस ने फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया है। कॉल सेंटर से 73 लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें 33 महिलाएं हैं।
पुलिस के अनुसार, गिरोह अमेरिकी नागरिकों से ठगी करता था और अब तक हजारों लोगों से करोड़ों रुपए ऐंठ चुका है। एडीसीपी सेंट्रल नोएडा हिरदेश कठेरिया ने बताया कि पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर शुक्रवार की रात छापा मारकर फर्जी कॉल सेंटर का खुलासा किया है। गिरफ्तार लोगों में से 61 युवक-युवतियों को निजी मुचलके पर छोड़ दिया गया, जबकि 12 मुख्य आरोपियों को जेल भेज दिया गया है।
इनकी पहचान विशाल शर्मा निवासी शामली, अजय कुमार निवासी महोबा, गोविंद निवासी विजयनगर गाजियाबाद, हुविका, जेम्स, क्ले उर्फ यामपीचा, माइक उर्फ नेकटोन, विकाटो, केबिन उर्फ हिका सभी निवासी नागालैंड, जित्तू हजोंग मेघालय और अनुज तिवारी निवासी कुंडा प्रतापगढ़ के रूप में हुई। मुख्य आरोपी सौरभ और बंटी समेत चार फरार हैं।
फर्राटेदार अंग्रेजी में बात करते थे :- पुलिस के मुताबिक, फर्जी कॉल सेंटर में काम करने वाले अधिकांश युवक-युवती नागालैंड के रहने वाले हैं। ये लोग नोएडा और गाजियाबाद में किराये के मकान में रहते थे। यह सभी फर्राटेदार अंग्रेजी बोलना जानते हैं। अमेरिकी लोगों से अंग्रेजी में बात कर वह उन्हें झांसे में ले लेते थे और ठगी की वारदात करते थे। ऐसे करते थे ठगी : कॉल सेंटर के जरिये आरोपी फर्जी टेली कॉलिंग का इस्तेमाल कर अमेरिकी नागरिकों को कॉल करते थे। उनका सोशल सिक्योरिटी नंबर मांगा जाता था। उनसे गिफ्ट कार्ड और क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से ठगी की जाती थी।
आरोपियों ने झांसे में लेने के लिए अमेरिकी मार्शल और अमेरिकी ट्रेजरी की फर्जी ई-मेल आईडी भी बनाई थी। जालसाज अवैध आपराधिक गतिविधियों में नाम आने की बात कह उन्हें गिरफ्तारी का डर दिखाते थे।
फर्जी कंपनी के नाम से एग्रीमेंट किया :- पुलिस की छानबीन में पता चला है कि जालसाजों ने करीब चार महीने पहले फर्जी कॉल सेंटर चलाने के लिए बिल्डिंग किराये पर ली थी। इसके लिए फर्जी कंपनी के नाम से एग्रीमेंट किया गया। सात लाख रुपये महीना किराया तय हुआ था। कॉल सेंटर में 70 से अधिक लोग काम करते थे। इनमें अधिकांश नागालैंड के रहने वाले हैं। विदेशी गिरोह के शामिल होने की संभावना : पुलिस को इस घटना में किसी विदेशी गैंग के शामिल होने की संभावना है। बताया जा रहा है कि विदेश से ही अमेरिकी नागरिकों का डेटा लेकर कॉल सेंटर चलाने वाले ठगों को दिया गया था। इसके जरिये अमेरिकी लोगों को कॉल की जा रही थी। पुलिस विदेशी नागरिकों का डेटा लीक होने और फर्जी कॉल सेंटर से जुड़े बैंक खातों की डिटेल खंगाल रही है।
गौतमबुद्ध नगर जिले में बीते पांच साल में 260 और एक साल में 20 फर्जी कॉल सेंटर पकड़े गए, लेकिन किसी भी मामले में आरोपियों को सजा नहीं हो पाई। फर्जी कॉल सेंटर चलाने वाले आरोपियों के हौसले इसी कारण बुलंद रहते हैं। विदेशी लोग भारत गवाही दर्ज कराने नहीं आते, इसका फायदा ठग उठाते हैं। ऐसे में आरोपियों को तो पुलिस गिरफ्तार करती है, लेकिन उन्हें न्यायालय से जमानत मिल जाती है। कमिश्नरेट गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने एक साल में 188 आरोपियों को गिरफ्तार किया। सभी मामलों के आरोपी अलग-अलग हैं। सात मामलों में सरगना तक पुलिस नहीं पहुंच सकी।
● कंप्यूटर में पापअप वायरस को हटाने और मोबाइल बैंकिंग और पालिसी के नाम पर ● नौकरी दिलाने के नाम पर, गाड़ी से किसी व्यक्ति को टक्कर लगने के नाम पर पहले भी पकड़े गए हैं कॉल सेंटर ● छह अप्रैल 2024 भारत में बैठकर अमेरिकी नागरिकों से व्यापक स्तर पर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए फेज वन थाने की पुलिस ने 15 आरोपियों को दबोचा।
● आठ मई 2024 विदेश भेजने के नाम पर ठगी करने वाले कॉल सेंटर का पर्दाफाश करते हुए सेक्टर-126 थाने की टीम ने महिला समेत 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया। ● 23 फरवरी 2024 लोन दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले सेक्टर-63 में संचालित कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया।