लोकतंत्र की जीत, मोस्टवांटेड केजरीवाल 1 जून तक रहेगे जेल से बाहर
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बड़ी राहत देते हुए उन्हें लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए 1 जून तक अंतरिम जमानत दे दी।
उन्हें कथित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में 21 मार्च को ईडी ने गिरफ्तार किया था। इस मामले में अदालत में केजरीवाल का पक्ष वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने रखा। फैसले के बाद जोरदार खुशी जताते हुए सिंघवी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा कि केंद्र सरकार और भाजपा की नजर में जो भारत का मोस्ट वांटेड है वो 6 हफ्ते में बाहर आ गया।
अदालत के फैसले के बाद सिंघवी ने एक के बाद एक दो ट्वीट किए, जिनमें से पहले में उन्होंने लिखा, 'केजरीवाल के आदेश को लेकर मीडिया से अनुरोधों की बाढ़ आ गई है। सन् 2000 के बाद से जब मैं प्रवक्ता बना, मैंनें एक बार भी उन मामलों के बारे में सुनवाई के दौरान राजनीतिक रूप से बाहर बात नहीं की, जिनमें मैं अदालत में उपस्थित हुआ। इसलिए मैं मीडिया से माफी मांगता हूं।
इस फैसले से जुड़े मामलों में हम धूल का गुबार छंटने के बाद यानी कुछ समय बाद बात करेंगे।' वहीं अगले ट्वीट में सिंघवी ने लिखा, 'यह हमारे लोकतंत्र की ताकत है कि केंद्र सरकार की तरफ से भारी कानूनी गोला-बारूद खर्च करने के बाद भी भारत का मोस्ट वांटेड (सरकार और भाजपा के अनुसार) 6 हफ्तों में ही बाहर आ गया, वो भी तब जब चुनाव प्रचार के लिए 21 दिन बाकी हैं। हमें हर हाल में लड़ना चाहिए और उम्मीद कभी नहीं खोना चाहिए।
सत्य की जीत हमेशा होती है। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा कि कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में गिरफ्तार केजरीवाल को दो जून को आत्मसमर्पण करना होगा और जेल वापस जाना होगा। हालांकि दोनों जजों की पीठ ने केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी के इस अनुरोध को स्वीकार नहीं किया कि उन्हें 5 जून तक अंतरिम जमानत दी जाए।