NOTA : नोटा व्यर्थ नहीं आम जनता का हथियार है नाखुश समाज सेवियों के प्रति
NOTA (नन ऑफ द एबोव) भारत में एक वोटिंग विकल्प है जो नागरिकों को चुनाव में शामिल सभी उम्मीदवारों को अस्वीकार करने की अनुमति देता है।
नोटा से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण जानकारी निम्न है:- 1. 2013 में शुरू किया गया - भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (PUCL) बनाम भारत संघ मामले में निर्णय देकर नोटा की शुरुआत की थी।
2. प्रतीक - नोटा का प्रतीक एक क्रॉस (×) चिह्न वाला मतपत्र है। जिसे दबाने पर आपका वोट नोटा पर जाएगा।
3. उद्देश्य - नोटा वोटरों को सभी उम्मीदवारों को अस्वीकार करने की अनुमति देता है यदि वे महसूस करते हैं कि कोई भी उम्मीदवार योग्य या वोट के लायक नहीं है। इसलिए इसका इस्तेमाल किया जाता है।
4. परिणाम- यदि नोटा को सबसे अधिक मत प्राप्त होते हैं, तो चुनाव दोबारा कराया जाता है नए उम्मीदवारों के साथ। पुरानों को नकारा जाता है।
5. सीमाएं- नोटा अवांछित उम्मीदवारों या राजनीतिक दलों को हटाने की गारंटी नहीं देता है। यह केवल अस्वीकार का एक विकल्प है।