Ram Navami 2024: आज रामनवमी का शुभ मुहूर्त, इस विधि से करे पूजा होंगी मनोकामना पूर्ण

Apr 17, 2024 - 09:37
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Ram Navami 2024: आज रामनवमी का शुभ मुहूर्त, इस विधि से करे पूजा होंगी मनोकामना पूर्ण
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Ram Navami 2024: रामनवमी का त्योहार इसबार इसलिए ज्यादा खास है क्योंकि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह पहली रामनवमी है।

आगर आज के दिन आप सही समय और सही तरीके से पूजा करते हैं तो भगवान श्रीराम आपकी हर मनोकामना पूरी कर सकते हैं। तो आइए सबसे पहले जान लेते हैं कि रामनवमी की पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है। रामनवमी का शुभ महूर्त कब है? हिंदू पंचांग के मुताबिक, रामनवमी इस बार 16 अप्रैल को दोपहर में 1 बजकर 23 मिनट पर आरंभ हो जाएगी।

इसका समापन 17 अप्रैल को दोपहर में 3 बजकर 14 मिनट पर होगा। इस हिसाब से रामनवमी का पर्व 17 अप्रैल को है। राम नवमी के दिन ही चैत्र नवरात्र का समापन भी होगा। लोग जो 9 दिन व्रत करते हैं वे राम नवमी के दिन पारण करके नवरात्रि के व्रत को पूरा करेंगे। राम नवमी 2024: कैसे करें पूजा अगर आपके पास वक्त है तो आप इन 16 चरणों में पूजा कर सकते हैं।

लेकिन अगर आपके पास वक्त नहीं है तो आप अपनी सहूलियत और पूरी भावना से पूजा कर सकते हैं। 1.सबसे पहले श्रीराम के सामने ध्यान मग्न होकर बैठक जाएं। 2. ध्यान के बाद आप मंत्र जाप कर सकते हैं। जैसे हरे कृष्णा-हरे रामा। 3. मंत्र बोलते हुए आप भगवान को फूल अर्पित कर सकते हैं।

4. भगवान राम को आसन देने के बाद उनके पैरों को जल से धोया जाता है। 5. इसके बाद अभिषेक के लिए जल अर्पित करें। 6. अर्घ्य अर्पित करने के बाद भक्त भगवान राम को पीने के लिए जल चढ़ाएं। 7. मंत्र का जाप करते हुए आगे शहद और दूध अर्पित करें। 8. इसके बाद स्नान के लिए जल अर्पित करें।

9. भगवान राम को पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी और चीनी का मिश्रण) से स्नान कराएं। 10. अब भगवान को नए वस्त्र पहनाएं। 11. कपड़े अर्पण के बाद भगवान राम के लिए छोटा यज्ञ करें। 12. इत्र अर्पित करें। 13. भगवान राम की प्रार्थना करते हुए फूल चढ़ाएं। 14. इसके बाद गंध, अक्षत और पुष्प लेकर उन देवताओं की पूजा करें, जो श्रीराम के अंग हैं।

15. उसके बाद धूप (अगरबत्ती), दीप (दीपक), नैवेद्य (मिठाई), फलम (फल), तांबूलम (सुपारी वाला पान) और दक्षिणा (उपहार) चढ़ाएं। 16. अंत में आरती, पुष्पांजलि, दक्षिणा करके और क्षमा मांग कर पूजा विधि समाप्त करें।

 भक्त, पूजा अनुष्ठानों और प्रसाद के माध्यम से अपने और अपने परिवार के लिए आशीर्वाद मांगते हुए, दिन के दौरान उपवास भी रखते हैं। अगर आप इन स्टेप्स को फॉलो नहीं भी कर पाते हैं तो सिर्फ भाव के साथ भी पूजा कर सकते हैं।