नवरात्रि पर्व (चैत्र ) सप्तम दिवस -

Apr 14, 2024 - 07:49
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नवरात्रि पर्व (चैत्र ) सप्तम दिवस -
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नवरात्रि पर्व (चैत्र ) सप्तम दिवस -

 भुवाल माता का स्मरण सदा साथी

इस जग में कोई दूसरा न साथी है ।

भुवाल माता पर श्रद्धा मानो दीपक में है

यदि स्नेह भरा तो जलती रहती बाती है ।

उसके अभाव में लौ अपना अस्तित्व नहीं रख पाती है । 

इस जग में कोई दूसरा न साथी है ।

भुवाल माता पर श्रद्धा मानो फूलों पर मधुपों की टोली गुन्जाती

अपनी प्रिय बोली प्रमुदित होकर पीती पराग मँडराती गाती मधुर राग | 

इस जग में कोई दूसरा न साथी है ।

भुवाल माता पर श्रद्धा मानो पेड़ों पर पंछी आते है कलरव कर मोद मनाते है वे फुदक

फुदक शाखाओ पर अतिशय अनुराग दिखाते है । 

इस जग में कोई दूसरा न साथी है ।

भुवाल माता पर श्रद्धा मानो स्वार्थ से परमार्थ की और है निस्वार्थ प्रीति की और है बन जाते सभी अपने आत्मा का सुख जहाँ हैं ।

इस जग में कोई दूसरा न साथी है ।

भुवाल माता का स्मरण सदा साथी इस जग में कोई दूसरा न साथी है । 

प्रदीप छाजेड़

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