गरीब की झोपड़ी जलकर राख, सिलेंडर फटने से बचा
झोपड़ी में लगी भयंकर आग अंदर रखा था सिलेंडर , गनीमत रही सिलेंडर फट नहीं पाया
हल्की सी गैस लीक होते ही आग की लपटों से घिरे गैस सिलेंडर को बाहर निकाल ग्रामीणों ने बुझाई आग घनी आबादी के बीच वाले स्थान पर आग लगने से पूरे गांव में मच गई अफरा तफरी
कायमगंज /फर्रुखाबाद । थाना क्षेत्र कंपिल के गांव अलियापुर में आज दिन के लगभग 3:00 बजे घास फूस से बने एक रसोई घर में आग लग गई । नजारा भयानक स्थिति की ओर जाता दिखाई दे रहा था । ग्राम अलियापुर निवासी हरिश्चंद्र जाटव पुत्र स्व० नत्थूलालजाटव के घर से आज मंगलवार को दिन के लगभग 3:00 बजे धुँए का गुब्बार अचानक बहुत तेजी से आकाश की ओर उठता दिखाई दिया ।
साथ ही आग की लपटें भी दिखाई दे रही थी । यह देखकर तथा आग लगने से जली वस्तुओं की गंध आने से पड़ोसी भौंचक्के के रह गए ।उन्होंने तेजी से आवाज लगाकर पूरे गांव को इस घटना से अवगत कराने का प्रयास किया । जैसे ही लोगों को पता चला कि आग लगी है । ग्रामीण दौड़कर मौके पर पहुंचे । उस समय रसोई गैस की गंध आती हुई महसूस हुई ।
घटना के समय गृह स्वामी हरिश्चंद्र जाटव तथा उसकी पत्नी घर पर नहीं थे । वह कहीं बाहर गए थे । घर पर केवल उसकी पुत्र वधू तथा छोटे-छोटे बच्चे ही मौजूद थे । ग्रामीणों के पूंछने पर रोते हुए बच्चों तथा घर पर मौजूद महिला ने कहा कि जिस झोपड़ी में आग लग गई है । उसी में बड़ा वाला मेरा गैस सिलेंडर भी रखा है । इतना सुनते ही एक बार वहां खड़े लोगों में दहशत व्याप्त हो गई । लेकिन कुछ लोगों ने हिम्मत से काम लेते हुए पड़ोस के दो मंजिला मकान से समर चलाकर पानी की बौछार करना शुरू कर दिया ।
इसी के साथ भीड़ में से एक दो लोगों ने बोरा पानी में भिगोकर हाथ में लिया और जल रही तेज आग की परवाह न करते हुए दीवार के सहारे से जाकर हल्का सा गैस रिसाव कर रहे गैस सिलेंडर को बाहर निकाल कर फेंक दिया । और इसके तुरंत बाद उसके ऊपर पानी से भीगा बोरा डालकर , वहीं लगे हैंड पाइप के नीचे रखा और तेजी से पानी चला कर सिलेंडर में आग लगने से बचा लिया ।
साथ ही उन्होंने गैस सिलेंडर के ऊपरी भाग में लगे नोजल वोल्ट को कसकर टाइट कर दिया। जिससे गैस रिसाव बंद हो गया । ग्रामीणों ने मिट्टी पानी की बौछार करके आग पर भी काबू पा लिया । जब तक आग बुझाई जा सकी तब तक झोपड़ी जल कर राख हो गई थी । उसके अंदर रखा सोफा कुछ कपड़े तथा खाने पीने की वस्तुएं जलकर नष्ट हो चुकी थी l
लगी आग रिसाव करते गैस सिलेंडर की घटना से एक बारगी तो पूरे गांव अलियापुर में अफरा तफरी का माहौल पैदा हो गया । जिस घर में आग लगी वह स्थान गांव के बीच में घनी आबादी के मध्य स्थित है । गनीमत रही की गैस सिलेंडर ब्लास्ट होने से पहले ही लोगों ने हिम्मत जुटाकर जलती हुई आग से बाहर निकलते हुए उसे सुरक्षित कर लिया । यदि कहीं ब्लास्ट हो जाता तो पड़ोस के घरों को भी जद में ले लेता ।ऐसी स्थिति में काफी धन जन की हांनि हो सकती थी । लेकिन बहुत कुछ नुकसान होने से बच गया ।
इसी बीच लोगों ने लगभग 1 किलोमीटर दूर पड़ोसी गांव में स्थित इंडियन गैस सिलेंडर वितरक एजेंसी को फोन से सूचित किया । वहां से कुछ कर्मचारी भी मौके पर पहुंचे । उन्होंने फिर एक बार उस गैस सिलेंडर को चेक करके बताया कि अब कोई खतरा नहीं है । तब जाकर पूरी तरह से ग्रामीण संतुष्ट हुए l वैसे तो हरिश्चंद्र को आवास योजना से मिला आवास भी बना है ।
जो इसी घटनास्थल वाले परिसर में स्थित है । लेकिन फिर भी परिवार के सदस्यों की संख्या को देखते हुए अपना काम चलाने के लिए आंगन में दीवार के सहारे झोपड़ी बनाकर इससे भी काम चलाते थे l आज इसी झोपडी में किसी अज्ञात कारण से आग लग गई लेकिन संयोग से कोई बडी घटना होने से किसा तरह बच गई ।