नवीन को मिला कूल्हे का ‘‘आयुष्मान’’ निजी अस्पताल में आयुष्मान भारत योजना के तहत हुआ सफल प्रत्यारोपण
नवीन को मिला कूल्हे का ‘‘आयुष्मान’’ निजी अस्पताल में आयुष्मान भारत योजना के तहत हुआ सफल प्रत्यारोपण
कासगंज ।आयुष्मान भारत योजना बड़ी जरूरतमंद आबादी के लिए वरदान साबित हो रही है। कासगंज निवासी 45 वर्षीय नवीन कुमार भी ऐसे लोगों में से एक हैं जिन्हे योजना के तहत कूल्हा प्रत्यारोपण की सुविधा मिली है। योजना की बदौलत आज वह आज अपने पैरों पर खड़े हैं। नवीन कुमार ने बताया वह पेशे से मजदूर हैं।
उनके परिवार में पांच लोग हैं। अप्रैल 2018 में मजदूरी के लिए जाते समय उनका कार से एक्सीडेंट हो गया। उन्हें निजी अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पताल में उपचार के दौरान डॉक्टर ने कूल्हा बदलने के लिए बोला, लेकिन पैसे न होने के कारण वह घर लौट आए। घर का खर्च भी उनके भाई उठा रहे थे।
घर वापस आने के बाद उनके पैर में बहुत परेशानी होने लगी। वह उठने बैठने में भी असमर्थ थे। पैर में बहुत दर्द था और साथ ही सूजन भी लगभग एक सप्ताह तक वह दर्द से तड़पते रहे। इसके बाद जब सूजन और बढ़ने लगी , तो उनके परिजन उन्हें लेकर उसी अस्पताल में गये और फिर से जांच करवाया। आर्थो सर्जन ने बताया कि फीमर की हड्डी कूल्हे से ही टूट गयी।
डॉक्टर ने तुरंत ही कूल्हा प्रत्यारोपण का सुझाव दिया, जिसका खर्च लाखों में था। जब नवीन के परिजनों ने अपनी आर्थिक स्थिति के बारे में बताया तो डॉक्टर लॉयल ने बताया कि आयुष्मान कार्ड से सरकारी प्रावधानों के तहत इलाज संभव है। तुरंत ही नवीन कुमार के छोटे भाई ने डॉक्टर को बताया कि उनका आयुष्मान कार्ड बना हुआ है। चूंकि कार्ड काफी पुराना हो गया था, इसलिए उसे चेक कराने नवीन के परिवार के लोग सीएमओ कार्यालय गये।
वहां कार्ड में कोई दिक्कत नहीं मिली। इसके बाद आयुष्मान कार्ड से कूल्हा प्रत्यारोपण किया गया जो सफल रहा। कुछ दिनों तक चलने के लिए उन्होंने वॉकर का सहारा लिया। नवीन कुमार कहते हैं कि यदि आयुष्मान भारत योजना नहीं होती तो वह इतना महंगा उपचार नहीं करा पाते। ऑपरेशन के बाद वह बिल्कुल स्वस्थ हैं, और अब वह अपने दोनों पैरों से सामान्य रुप से चल पा रहे हैं। लोग करा रहे हैं उपचार आयुष्मान भारत योजना के नोडल अधिकारी डॉ. रामलखन यादव ने बताया कि जिले में योजना के तहत दो लाख लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। योजना के अंतर्गत अब तक सरकारी अस्पतालों में 4970 व प्राइवेट अस्पतालों में 432 लाभार्थियों ने उपचार कराया है। काफी संख्या में लोगों ने जनरल मेडिसिन, जनरल सर्जरी, ऑर्थोपेडिक सर्जरी जैसे इलाज की सुविधा योजना से प्राप्त किया है। आयुष्मान कार्ड धारकों के इलाज के लिए जिले के आठ सरकारी व दो प्राइवेट अस्पतालों को सूचीबद्ध किया गया है। हर सदस्य के लिए अलग कार्ड जरूरी योजना के जिला कार्यक्रम समन्वयक डॉ. सरताज ने बताया कि आयुष्मान भारत योजना का लाभ लेने के लिए परिवार के प्रत्येक सदस्य का अलग-अलग आयुष्मान कार्ड होना चाहिए। उन्होंने लोगों से अपील की है कि योजना के अंतर्गत पात्र परिवार के सभी सदस्य शीघ्र ही अपना आयुष्मान कार्ड पंचायती राज विभाग के कर्मियों, आशा कार्यकर्ताओं व लोकवाणी केंद्र पर सम्पर्क कर बनवा लें। डॉ. सरताज ने बताया कि योजना के अंतर्गत एक वर्ष में एक परिवार के लोगों को पांच लाख तक का उपचार दिया जाता है। मरीज के भर्ती होने के बाद कार्ड पर सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में भी सरकारी प्रावधानों के तहत ही इलाज होता है।