प्रेम नगर गली नंबर 1 में स्थित एक घर में ए एएम शिवा कर रही बेखौफ संचालन, मौत का लाइसेंस जारी
'कोख ' में मौत का गोरखधंधा
भ्रूण हत्याओं की आशंका, स्वास्थ्य विभाग बेख़बर
प्रेम नगर गली नंबर 1 में स्थित एक घर में ए एएम शिवा कर रही बेखौफ संचालन
एटा। माँ में तुम्हारी ही तो बेटी हूँ। मुझे बाहर आने दो, नन्ही आंखों से मुझे बाहर की दुनिया देखने दो। कुछ ही होती होगी उन अजन्मी बेटियों की करुण व्यथा। मगर वक़्त न जाने कैसा आ चला है। यहां तो कोख में ही बेटियों को मारने का गोरखधंधा अब घरों में चलने लगा है।
भ्रूण जाँच के बाद इन अजन्मी बच्चियों को कोख मौत के घाट उतारने के इस गोरखधंधे में संलिप्त महिला यह भी नहीं सोचती वह भी किसी माँ की कोख से जन्मी बेटी है। उनके अवैध ढंग से धन कमाने की लालसा ने तमाम कानूनी बंदिशों को भी बौना साबित कर दिया है। कुछ ऐसा ही कोख में मौत का गोरखधंधा शहर के प्रेम नगर गली नंबर 1 में स्थित एक खंडहर से दिखने वाले घर में अर्से से चल रहा है।
हाँलाकि बाहर से देखने में यह मकान बेहद जर्जर सा होता है, किंतु अंदर वह सभी सुख सुविधाएं हैं, जो जीवन के लिए जरूरी होती हैं। घर में एक कक्ष को डिलेवरी सेंटर (अबॉर्शन कक्ष) बनाया गया है, जहां सीज़र ऑपरेशन का सारा साजो-सामान है। घर के बाहर न तो कोई बोर्ड लगा है, और न ही स्वास्थ्य विभाग से नर्सिंग सेंटर के संचालन का कोई पंजीकरण है।
लेकिन इसके वाबजूद खुद को ए एएम बताने वाली महिला शिवा अपने इस गोरखधंदे का अर्से से बेख़ौफ़ संचालन कर रही है। स्वास्थ्य महकमे के उच्चाधिकारियों का ध्यान भी शहर के गली मोहल्लों में चल रहे इस अनैतिक धंधे पर केंद्रित नहीं हो सका है। जिला प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारी भी आज तक ऐसे अवैध सेंटरों के संचालकों की धरपकड़ को सक्रिय नहीं हुए हैं, जो अजन्मी सन्तान को कोख में ही मौत के घाट उतारने जैसा घृणित अपराध कर रहे हैं। शुक्रवार की शाम करीब 6 बजे जब पत्रकारो ने अचानक मिली सूचना पर प्रेम नगर के गली नंबर 1 में मामले की पड़ताल की तो कथित ए एएम शिवा नामक महिला के घर चल रहे डिलेवरी कक्ष में एक महिला प्रसव टेबल पर लेटी मिली, जो दर्द से कराह रही थी।
जिसके हाथ में ड्रिप लगी हुई थी । पत्रकारों ने पूछा यह आप क्या कर रही हैं, यह तो सरासर इनलीगल है। तो वह मानने को तैयार नहीं हुई। उल्टे उसके पति करन जो एक गैस एजेन्सी पर कर्मचारी हैं, वह खुद को अनुसूचित जाति का बताते हुए धमकाने लगे कि वह उनके खिलाफ मुकद्दमा दर्ज करा देगा। समझने वाली बात तो यह है कि अनुसूचित जाति का कोई व्यक्ति कोई भी आपराधिक कृत्य कर्ता रहे, तो क्या वह अपराधी होने से बच जाएगा।