Jamaat-e-Islami: जमात-ए-इस्लामी पर एक्शन, गृह मंत्रालय ने 5 वर्षों के लिए प्रतिबंध बढ़ाया
Jamaat-e-Islami: प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी (जेईआई) पर बड़ा एक्शन हुआ है। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जमात-ए-इस्लामी जम्मू कश्मीर पर प्रतिबंध पांच साल के लिए बढ़ा दिया गया है।
गृह मंत्रालय (एमएचए) अगले 5 वर्षों के लिए जमात-ए-इस्लामी पर प्रतिबंध बढ़ाया। गृह मंत्रालय ने मंगलवार को जमात-ए-इस्लामी जम्मू कश्मीर को 'गैरकानूनी संघ' घोषित करते हुए उस पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध अगले पांच साल के लिए बढ़ा दिया। संगठन को सुरक्षा के खिलाफ अपनी गतिविधियां जारी रखते हुए पाया गया है।
केंद्र ने जमात-ए-इस्लामी जम्मू-कश्मीर पर और नकेल कसने की तैयारी कर रहा है। केंद्र ने आतंकवाद विरोधी कानूनों के तहत जमात-ए-इस्लामी पर प्रतिबंध लगा दिया था। जमात-ए-इस्लामी जम्मू-कश्मीर पर फरवरी, 2019 में केंद्र द्वारा पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया था।
जमात-ए-इस्लामी जम्मू और कश्मीर एक सामाजिक-राजनीतिक और धार्मिक संगठन है, जिसकी स्थापना 1945 में स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान जमात-ए-इस्लामी हिंद के एक अध्याय के रूप में की गई थी। जमात-ए-इस्लामी राजनीतिक विचारधारा में मतभेद के कारण 1953 में अपने मूल संगठन से अलग हो गया था।
जमात-ए-इस्लामी 1993 में अपनी स्थापना से लेकर 2003 तक अविभाजित हुर्रियत कॉन्फ्रेंस का एक प्रभावशाली संस्थापक सदस्य था। कैडर-आधारित पार्टी के पास एक शक्तिशाली मजलिस-ए-शूरा (सलाहकार परिषद) है जो महत्वपूर्ण मुद्दों पर सर्वसम्मति से निर्णय लेती है। जमात की संख्या 100 से 300 तक हो सकती है।