Badayun Mahila jaj Murder : न्याय की वेदी पर महिला जज, किसके उत्पीड़न से हुई ज्योत्सना राय की मौत
उतर प्रदेश के बदायूं में सिविल जज जूनियर डिवीजन ज्योत्सना राय की मौत के मामले में हत्या का केस दर्ज किया गया है। उनके भाई और पिता का कहना है कि ज्योत्सना बहुत स्ट्रॉग थी. वह ऐसा कदम नहीं उठा सकती। उनके भाई हिमांशु शेखर राय ने कई सवाल खड़े किए हैं. मृतक के जज के कमरे से नोट भी मिला है।
सिविल जज ज्योत्सना राय का शव संदिग्ध परिस्थितियों में घर के अंदर मिला था. वहीं से एक नोट भी मिला है. इसमें किसी के नाम का उल्लेख नहीं है. उसमें लिखा है कि 'मैं अवसाद में हूं, मेरी मृत्यु का जिम्मेदार कोई नहीं है मेरा अंतिम संस्कार अयोध्या में सरयू घाट पर करना और मेरे खरगोश का ख्याल रखना.' वहीं मृतका के भाई हिमांशु शेखर राय ने कई सवाल खड़े किए हैं।
बड़े भाई ने उठाए सवाल मृतका के बड़े भाई हिमांशु शेखर राय जो बनारस में रेलवे में सिविल इंजीनियर के पद पर कार्यरत हैं. उन्होंने ज्योत्सना राय की मौत पर सवाल उठाए हैं. हिमांशु के मुताबिक उनकी बहन बहुत स्ट्रॉन्ग थी और कभी भी ऐसा कदम नहीं उठा सकती थी. 15 दिन पहले वह अपने पिता को लखनऊ में नई कार खरीद कर आई थी और अपने लिए एक प्लॉट लेना चाह रही थी।
हिमांशु ने इस बात पर भी सवाल उठाए हैं कि जहां इतने सारे अधिकारी रहते हैं उस कॉलोनी में एक भी सीसीटीवी नहीं लगा हुआ था. घर का खाली मेन डोर बंद था बाकी अंदर के सारे दरवाजे खुले हुए थे. किचन की तरफ पीछे का एक दरवाजा भी खुला हुआ था. उन्होंने कहा पुलिस को मामले की गहनता से जांच करनी चाहिए।
उन्होंने वहां से मिली डायरी पर भी सवाल उठाये कि उसके पन्ने फटे हुए थे। संदिग्ध परिस्थितियों में हुई थी मौत मामले में एसएसपी आलोक प्रियदर्शी ने मौके से कुछ डॉक्यूमेंट मिलने की बात बताई है. जो पुलिस की जांच में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं. साथ ही मौके से मिला आखिरी नोट और मोबाइल फोन भी पुलिस जांच में मदद कर सकता है।
गौरतलब है कि ज्योत्स्ना राय सिविल जज बदायूं पद पर थीं. 18 नवंबर 2023 को सिविल जज के रूप में प्रमोशन हुआ था. उनकी पहली नियुक्ति साल 2019 में अयोध्या में हुई थी और वह मूलरूप से मऊ जिले के गांव तराईडीह की रहने वाली थीं. उनका शव शनिवार सुबह उनके सरकारी आवास पर बेडरूम के बराबर वाले कमरे में संदिग्ध परिस्थितियों में पंखे से लटका मिला था।