206 स्वास्थ्य इकाइयों पर मनाया गया खुशहाल परिवार दिवस
206 स्वास्थ्य इकाइयों पर मनाया गया खुशहाल परिवार दिवस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अशोकनगर पर आज लगेगा पुरुष नसबंदी शिविर परिवार नियोजन में पुरुष भी निभाएं भागीदारी
महिला की अपेक्षा पुरुष नसबंदी सरल और आसान नसबंदी को लेकर पुरुषों में फैले भ्रम दूर होना जरूरी
कासगंज । परिवार कल्याण कार्यक्रम को बढ़ावा देने व सफल बनाने के लिए शुक्रवार को सयुंक्त जिला चिकित्सालय, सभी ब्लॉक के सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर समेत 206 स्वास्थ्य इकाइयों पर खुशहाल परिवार दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर दंपति को परिवार नियोजन के साधनों (बास्केट ऑफ़ चॉइस) की जानकारी दी गई।
इच्छुक दंपति को परिवार नियोजन के साधन भी मुहैया कराये गए, साथ ही परिवार नियोजन के प्रति जागरूक किया गया। इस मौके पर तीन ब्लॉक के स्वास्थ्य इकाइयों पर 915 लाभार्थियों ने परिवार नियोजन के साधन अपनाए, जिसमें 41 अंतरा,110 छाया, 11 पोस्ट पार्टम इंट्रायूटेराइन कंट्रासेप्टिव डिवाइस (पीपीआईयूसीडी), 7 इंट्रायूटेराइन कंट्रासेप्टिव डिवाइस (आईयूसीडी), 14 ईसीपी पिल्स, 59 ओसीपी व 673 कंडोम के पैकेट दिए गए।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज शुक्ला ने बताया कि 11 जुलाई से जनसंख्या स्थिरता अभियान के अंतर्गत सेवा प्रदाई पखवाड़ा चलाया जा रहा है, जिसमें लक्षित दंपति को परिवार नियोजन के अस्थाई व स्थाई साधनों के प्रति जागरूक कर उन्हें अपनाने पर ज़ोर दिया जा रहा है। इसके साथ ही परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों की सुविधा सभी चिकित्सा स्वास्थ्य इकाइयों पर उपलब्ध है। आशा व परिवार नियोजन काउंसलर द्वारा प्रत्येक दंपति को समझाया गया कि परिवार नियोजन के विषय में विचार-विमर्श करके ही अपना परिवार आगे बढ़ाएं। इससे जीवन और परिवार खुशहाल होगा।
उन्होंने बताया कि खुशहाल परिवार दिवस के आयोजन का प्रमुख उद्देश्य समुदाय में परिवार नियोजन को लेकर जागरूकता व स्वीकृता को बढ़ाना है। जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर परिवार नियोजन के अस्थायी साधन त्रैमासिक गर्भ निरोधक इंजेक्शन अंतरा, छाया, माला एन, कंडोम, पीपीआईयूसीडी, आईयूसीडी,पिल्स आदि उपलब्ध हैं। डॉ. मनोज शुक्ला ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण पखवाड़े को सफल बनाने के लिए शनिवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अशोकनगर पर पुरुष नसबन्दी शिविर का आयोजन किया जाएगा। साथ ही शनिवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अमापुर और सिढ़पुरा पर महिला नसबन्दी शिविर आयोजित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए पुरुष भागीदारी बहुत जरूरी है, क्योंकि महिला नसबन्दी की अपेक्षा पुरुष नसबंदी सरल और आसान है। पुरुष नसबन्दी से स्वास्थय पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है, इसलिए पुरुष नसबंदी को लेकर व्याप्त भ्रांतियों पर यक़ीन न करें। पुरुष वर्ग परिवार नियोजन के साधन अपनाए और परिवार में खुशहाली लाए। उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन में पुरुषों की सहभागिता बहुत ज़रूरी है, परिवार को समिति रखने व बच्चों में तीन साल का अंतराल रखने के लिए पुरुष वर्ग आगे आकर परिवार नियोजन के अस्थाई व स्थाई साधनों को अपनाए।
परिवार नियोजन विशेषज्ञ का कहना है कि पुरुष नसबंदी बिना चीरा टांके की जाती है, जिससे पुरुष को किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं होती। पुरुष नसबंदी के कम से कम एक हफ्ते बाद ही संबंध बनाने चाहिए। इसके अलावा तीन महीने तक संबंध बनाने के दौरान अस्थाई गर्भनिरोधक (कंडोम) जरूर इस्तेमाल करने चाहिए। उन्होंने बताया नसबंदी के तीन माह के बाद वीर्य जांच करने की सलाह दी जाती है। उन्होंने कहा सरकार की ओर से महिला नसबंदी के लिए 2000 रुपये व पुरुष नसबंदी 3000 रुपये प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है। पटियाली ग्राम बहोरा निवासी 31 वर्षीय रीना ने बताया कि उनके दो बच्चे हैं। बड़ा बेटा पांच वर्ष व छोटा बेटा तीन वर्ष का है।
वह पिछले कई माह से अंतरा इंजेक्शन अपना रही हैं। वह बताती हैं, आशा ने बच्चों में अंतराल व सीमित परिवार के बारे में परिवार नियोजन साधनों के बारे में जानकारी दी, जिसके बाद वह आशा के साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर गईं। वहाँ जाकर परिवार नियोजन काउंसलर से सभी साधनों की जानकारी ली और स्थाई साधनों में से अंतरा त्रैमासिक इंजेक्शन को चुना। इसके साथ ही साधनों को लेकर मन में आई भ्रांतियों को दूर कर अंतरा इंजेक्शन की प्रथम डोज़ लगवाई। अंतरा इंजेक्शन की पहली डोज़ लेने पर उन्हें कोई परेशानी नहीं हुई। जब से वह हर तीन माह में इंजेक्शन लगवा लेती हैं। शुक्रवार को उन्होंने अंतरा इंजेक्शन की तीसरी डोज़ ली है। कार्यक्रम के दौरान महिला रोग विशेषज्ञ डॉ मारुति,परिवार नियोजन काउंसलर, बीपीएम सुनील कुमार, बीसीपीएम अरविन्द व पटियाली बीसीपीएम हरजीत सिंह आदि मौजूद रहे।