एक ही ख़्वाहिश

Nov 25, 2023 - 12:32
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एक ही ख़्वाहिश
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एक ही ख़्वाहिश

ख़्वाहिशें हर किसी की होती है किसी की कम या ज्यादा । लेकिन सबसे अच्छी बढ़िया एक ही ख़्वाहिश होती है सबके सब पल चेहरे पर मुस्कान ।यह एक ऐसी ख़्वाहिश है जिसकी पूर्ति से सबको प्रेम मिलता है ।

 पूरी दुनियां हमें प्यार करती है अगर मासूम बच्चे सी मुस्कान हमारे आँखों मे हो। आसमान हमारे संग अपना स्वर मिलाता है अगर उङने की चाहत पांखों मे हो।वादियों का नैसर्गिक सौंदर्य,हमारी यादों का अमिट हिस्सा बन जाता है। मुश्किल कैसी भी हो, दम तोङ देती है, अगर दृढ़ इच्छाशक्ति हमारी सांसों मे हो। हर पल की हर बात मुझे खुशी देती है।

गम हो या खुशी मुस्कान मेरा साथ देती हैं। अब दुख- दर्द मेरे पास अतिथि की तरह आते हैं! कुछ पहर ठहरते और वापस लौट जाते हैं।मैं पहले की तरह इन अतिथियों का आदर् सत्कार नहीं करता और इन्हें देख आंखों में पानी नहीं भरता ।मुस्कान ने मुझे नए ढंग से जीना सिखा दिया है।जीवन में सुकून और शांति को खोजना बता दिया है।उदासी और निराशा तो जैसे मेरे द्वारे आना ही भूल गया क्योंकि मेरी मुस्कान ने होठों पर कड़क पहरा जो लगा दिया है।

 हममें मुस्करानेकी कला होनी चाहिए और विवेक जागृत।हम संवेदनशील प्राणी है,दूसरे के दुःख से दुःखी होना और सुख से सुखी होना हमारे अंदर स्वाभाविक वृति है।कोई शोक का माहौल हो ,शोक-संवाद हो, या कुछ और अप्रिय घटना।हमारे अंदर विवेक हों ,हम एक दूसरे से प्रभावित होते है ।

समय की नजाकत को समझने कीपरख हममें होनी चाहिए,समय का विवेक रखकर सावधानीपूर्वक सब काम किये जायें तो स्वाभाविक ही हमें मानसिक शांति मिलेगी और मन प्रफुल्लित होगा,चेहरे की मुस्कान में चार चांद लग जाएंगे।सबसे बड़ा है विवेक का जागरण। मॉंग रहा हूँ सबके लिये एक ही चीज एक ही ख़्वाहिश भगवन् ! कि जितने भी जीव इस धरा पर, हर पल, हर क्षण है उन सबके चेहरों पर हो प्यारी सी मुस्कान। प्रदीप छाजेड़