Delhi Crime: फर्जी डिग्री पर धड़ाधड़ कर रहे थे सर्जरी, जान से खिलवाड़, पकड़े गए मुन्ना भाई MBBS
Delhi Crime: देश की राजधानी दिल्ली में पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो फर्जी डॉक्टर बनकर लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे थे।
मामला दक्षिणी दिल्ली के ग्रेटर कैलाश पार्ट-1 का है। पुलिस के मुताबिक आरोपी मेडिकल सेंटर में सीनियर सर्जन बनकर काम करता था और अभी तक कई सर्जरी कर चुका है। ग्रेटर कैलाश पुलिस को इसके खिलाफ लगातार शिकायतें मिल रही थी।
करीब एक हफ्ते पहले हुई एक मौत के बाद मेडिकल सेंटर में मरीज के परिजनों ने जमकर हंगामा किया था. इसके बाद पूरा मामला सामने आया। पुलिस को ऐसे लगी भनक शिकायत के मुताबिक एक हफ्ते पहले ग्रेटर कैलाश पार्ट-1 स्थित एक मेडिकल सेंटर में हंगामे की सूचना मिली थी. मौके पर पहुंची पुलिस को लोगों ने बताया कि यहां एक मरीज को गॉल ब्लेडर ऑपरेशन के लिए भर्ती कराया गया था. मामूली सर्जरी के बाद मरीज की मौत हो गई।
पुलिस ने हंगामा शांत कर मृतक के परिजनों की शिकायत ली और मामले की जांच शुरू कर दी. शुरुआती जांच में सामने आया कि मेडिकल सेंटर के खिलाफ पहले भी कई ऐसी शिकायतें आ चुकी हैं. हर शिकायत में मरने वाले मरीज की सर्जरी की गई थी। टेक्निशियन बन गया डॉक्टर जांच में पुलिस को मामला संदिग्ध लगा और उसने डॉक्टर महेंद्र समेत मेडिकल सेंटर के संचालक डॉ. नीरज अग्रवाल, डॉ. पूजा अग्रवाल और डॉ. जयप्रीत को पकड़ लिया. पुलिस की जांच में यह सामने आया कि आरोपी डॉक्टर महेंद्र ऑन कॉल आता था।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि महेन्द्र दिल्ली के एक बड़े अस्पताल में कार्यरत सीनियर डॉक्टर के पास टेक्निशियन का काम करता था। वहां उसने डॉक्टर को सर्जरी करते हुए देखकर काम सीखा. इसके बाद उसने फर्जी MBBS की डिग्री तैयार की और मेडिकल सेंटर में काम करने लगा. मेडिकल सेंटर प्रबंधन महेंद्र को ऑन कॉल सर्जरी करने के लिए बुलाते थे. पुलिस अभी यह भी जांच कर रही है कि महेंद्र ने फर्जी डिग्री कहां से बनवाई और वह कहां-कहां जाकर इस डिग्री की मदद से लोगों का इलाज कर रहा था।
2005 से चल रहा था अस्पताल मालूम हो कि नीरज अग्रवाल मेडिकल सेंटर का मालिक है. वह 2005 से ग्रेटर कैलाश-1 में मेडिकल सेंटर चलाता है. डॉक्टर पूजा अग्रवाल नीरज की पत्नी है और इससे पहले इसी अस्पताल में नौकरी करती थी. फिर नीरज अग्रवाल से शादी कर ली. इसके बाद कहीं से फर्जी डिग्री लेकर इसी अस्पताल में डॉक्टर बन गई और डिलिवरी कराने के काम में जुट गई।