हर दिन है रचनात्मकता का अवसर
हर दिन है रचनात्मकता का अवसर
सच में मानव जीवन में हर दिन अच्छा सुन्दर सही करने का रचनात्मक अवसर है । दिमाग को रचनात्मक व सकारात्मक विचारों से ओतप्रोत रखिये ।वरना खा्ली दिमाग में घास फूस की तरह फालतू विचारों की भीड़ से अनावश्यक हलचल मच जाती है ।अतः:हम सतर्क रहें और दिमाग को शांत रखने की कोशिश करते रहें।ध्यान प्राणायाम से शरीर व दिमाग दोनों चुस्त दुरुस्त रहते हैं।
व्यक्ति प्रतिभा का पुंज है ,अपनी प्रतिभा को सही राह पर ले जाएं तो वह ऊंचाइयों की ओर बढ़ सकता है । मृत्यु जीवन का सत्य है ,यह भी सत्य है कि उसने जो कर्म अच्छे या बुरे किए हैं वे ही साथ जाएंगे परंतु वह अविवेक से आकांक्षाओं की तृष्णा से अपनी जिंदगी बर्बाद कर लेता है। अहं से मनुष्य का विवेक नष्ट हो जाता है और वह क्रोध ,ईर्ष्या और अहंकार का शिकार हो जाता है ,मानव की यही स्थिति पशु तुल्य कहीं जाती है। यदि विवेक से आध्यात्मिक जीवन जिए तो मनुष्य अपने जीवन में सुख शांति और समृद्धि पा सकता है। अच्छे-बुरे विचारों मे,भावों की तरंगे ही प्राणों का संचार करती है।
भावों की दुनियां में,कर्मों की श्रृंखला ही प्रेम या क्रूरता भरती है।अन्तःकरण मे,विश्वास की किरण ही बन सकती है सुरक्षा कवच क्योंकि बुरे विचारों की आंधी मे,जीवन की सहजता ही नई उम्मीद भरती है। मानव जीवन हमें मिला वह हर दिन, हमें एक अवसर देता हैं ।ठीक है सुबह की नयी प्रभात नयी आशायें , उम्मीदे , किरणें लेकर आती हैं वह सकारात्मकता से जीवन में आगे बढ़ने की हमें प्रेरणा देते हैं । हाँ कभी - कभी आगे बढ़ने की राह हमको बहुत मुश्किल से मिलती हैं परन्तु आशा होती हैं ,प्रयास होते हैं ,वहाँ हमको राह मिलती हैं ।
हो सकता हैं समय कम -ज्यादा लग जाये ,परन्तु मंजिल अवश्य मिलती हैं ,वह जो बीच का समय जाता हैं ,वह हमें धेर्य रखने की प्रेरणा देता है। इस तरह जन्म से लेकर मृत्यु तक का हर दिन रचनात्मकता का अवसर हैं ।
प्रदीप छाजेड़ ( बोरावड़ )