जेई लाइनमैन 45 हजार तो दरोगा 50 हजार रिश्वत लेते गिरफ्तार
जेई लाइनमैन 45 हजार तो दरोगा 50 हजार रिश्वत लेते गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश में एंटी करप्शन की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है। अलग-अलग जिलों में रिश्वतखोरों पर अंकुश लगाते हुए उन्हें रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। ये कार्रवाई अमरोहा और इटावा में की गई हैं। अमरोहा में मुरादाबाद की टीम ने सोमवार दोपहर बिजलीघर पर 45 हजार रुपये की रिश्वत लेते जेई और लाइनमैन को गिरफ्तार कर लिया। वहीं दूसरी ओर इटावा में चौकी इंचार्ज को एंटी करप्शन की टीम ने चौकी के अंदर 50 हजार रुपये घूस लेते धर दबोचा।
अमरोहा में बिजली उपखंड-1 की आपूर्ति से जुड़े सिवोरा ग्रामीण फीडर पर जेई रत्नेश कुमार पर समय-समय पर उपभोक्ताओं से रिश्वत मांगने के आरोप लगते रहे हैं। ताजा मामले में जेई ने सिवोरा निवासी किसान मन्नान खां पुत्र रहीस से किसान के घर पर लगे बिजली मीटर का बिल ठीक करने और मीटर को जीरो कराकर नया मीटर लगाने की एवज में 45 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी। किसान ने पूरे मामले की शिकायत एंटी करप्शन थाना मुरादाबाद में कर दी। इसके बाद ट्रैप टीम प्रभारी शैलेंद्र सिंह के नेतृत्व में सोमवार दोपहर करीब डेढ़ बजे जेई की गिरफ्तारी के लिए सिवोरा बिजलीघर पर जाल बिछाया गया। रिश्वत की रकम संविदा लाइनमैन पुष्पेंद्र सिंह के माध्यम से ली जानी थी। योजनाबद्ध तरीके से किसान ने जैसे ही लाइनमैन को रुपये दिए टीम ने पुष्पेंद्र को रंगे हाथ दबोच लिया।
इसके बाद टीम ने जेई को भी रिश्वतखोरी के आरोप में बिजलीघर पर मौके से ही गिरफ्तार कर लिया। टीम दोनों को पकड़कर अपने साथ डिडौली थाने ले आई। ट्रैप प्रभारी की तहरीर पर जेई व लाइनमैन का चालान कर जेल भेज दिया गया। टीम की कार्रवाई से बिजली विभाग में हड़कंप मचा है। वहीं मामला पूरे दिन लोगों के बीच चर्चा का विषय बना इटावा के हनुमंतपुरा चौकी इंचार्ज कपिल भारती को सोमवार को एंटी करप्शन की टीम ने चौकी अंदर 50 हजार रुपये घूस लेते धर दबोचा। मारपीट के आरोपी एक सिपाही का मुकदमे से नाम हटाने के एवज में दरोगा ने सवा लाख रुपये मांगे थे। गिरफ्तारी से बचाने का सौदा 50 हजार रुपये में तय हुआ था। सौदे की रकम लेते हुए टीम ने दरोगा को रंगेहाथों पकड़ा और बकेवर थाने ले गई। यहां पूछताछ के बाद टीम उसे लेकर लखनऊ चली गई। सहसों थाना क्षेत्र के चंद्रहंसपुरा निवासी अंकित सिंह से हनुमंतपुर चौराहे पर एटीएम से रुपये निकालने के दौरान 28 फरवरी को गढ़ीमंगद गांव के कुछ लोगों से मारपीट हो गई थी। अंकित ने मामले की शिकायत पुलिस से की लेकिन आरोपितों पर मुकदमा दर्ज नहीं किया गया।
तीन मार्च को फिर उन्हीं लोगों से सिंडौस रोड पर विवाद हो गया। इसके बाद पुलिस ने हनुमंत की तहरीर पर अंकित और उनके छोटे भाई पवन जोकि हरदोई में सिपाही हैं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। चौकी इंचार्ज हनुमंतपुरा कपिल भारती ने मामले की जांच शुरू की। आरोप है कि पुलिस ने अंकित के घर पहुंचकर गाली-गलौज करते हुए घर के पर्दे भी फाड़ दिए। इससे तंग सिपाही पवन ने चौकी इंचार्ज से संपर्क साधा। चौकी इंचार्ज ने पवन का नाम मुकदमे से निकालने के लिए सवा लाख रुपये की मांग की। पवन ने कानपुर एंटी करप्शन टीम के निरीक्षक मृत्युंजय कुमार मिश्र से संपर्क किया और घटना की जानकारी दी।
योजनाबद्ध तरीके से सोमवार सुबह एंटी करप्शन की टीम हनुमंतपुरा चौराहा पहुंची। यहां अंकित को पाउडर लगा 50 हजार रुपये दिए। चौकी पहुंचकर अंकित ने जैसे ही रुपये चौकी इंचार्ज कपिल भारती को सौंपे, टीम ने उन्हें धर दबोचा। दरोगा को लेकर टीम बकेवर थाने पहुंची जहां जरूरी लिखापढ़ी के बाद लखनऊ लेकर चली गई। एंटी करप्शन टीम के प्रभारी मृत्युंजय कुमार मिश्र ने बताया कि आरोपी दरोगा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कोर्ट में पेश करने के लिए लखनऊ ले जाया गया है। विधिक कार्यवाही की जाएगी।