नेपाल बॉर्डर पर सात संदिग्ध गिरफ्तार, पांच वॉकी-टॉकी बरामद, पाकिस्तान कनेक्शन की जांच में जुटी पुलिस

रूपईडीहा (बहराइच), यूपी। भारत-नेपाल सीमा पर सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता के चलते बड़ी सफलता हाथ लगी है। इंडो-नेपाल बॉर्डर पर चेकिंग के दौरान **एसएसबी (सशस्त्र सीमा बल) की 42वीं वाहिनी** ने **सात संदिग्ध लोगों को गिरफ्तार** किया है, जिनके पास से **पांच प्रतिबंधित वॉकी-टॉकी सेट** बरामद हुए हैं।
ये सभी नेपाल से भारत में प्रवेश कर रहे थे। गिरफ्तार किए गए सभी संदिग्धों को **रूपईडीहा थाने की पुलिस के हवाले** कर दिया गया है, जहां उनसे पूछताछ जारी है। बरामद वॉकी-टॉकी सेट **16 MHz की प्रतिबंधित फ्रीक्वेंसी** पर कार्य कर रहे थे, जो भारत में अवैध माने जाते हैं। इन सेटों की खास बात ये है कि ये **लोकेशन बदल सकते हैं**, जिससे इनकी ट्रैकिंग मुश्किल हो जाती है। इनमें से पांच सेट **विदेशी कंपनी के** बताए जा रहे हैं।
★ संदिग्धों की पहचान:- 1. **बिलाल अब्दुल रहमान शेख** – महाराष्ट्र 2. **मुनीर यूसुफ शेख** – महाराष्ट्र 3. **मोहम्मद मुस्लिम** – ठाणे, महाराष्ट्र 4. **तेमेस्वर भौंदवें** – पुणे, महाराष्ट्र 5. **शंकर पांडे** – कुशीनगर, उत्तर प्रदेश 6. **छागुर** – बहराइच, उत्तर प्रदेश 7. **अचलेश कुमार** – बिजनौर, उत्तर प्रदेश
★ पाकिस्तान फंडिंग का शक- जांच के दौरान पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि इन आरोपियों में से एक **मुस्लिम शेख**, 26 जून को नेपाल में अपने दोस्त **नसीम शेख** से मिलने गया था, जो नेपाल के भुजुवा गांव (वार्ड 23) का निवासी है। नसीम मूल रूप से महाराष्ट्र का रहने वाला था और **20 साल पहले नेपाल में आकर बसा** था। वह नेपाल में सक्रिय **इस्लामिक संघ** का सदस्य बताया जा रहा है, जिसे **पाकिस्तान से फंडिंग** मिलने की बात सामने आई है।
★ पूछताछ में सभी ने खुद को "कैटरिंग वर्कर" बताया- हालांकि पकड़े गए सभी संदिग्धों ने खुद को कैटरिंग का काम करने वाला बताया है, लेकिन पुलिस और एसएसबी को इनके दावों पर शक है। **एसएसबी के कमांडेंट गंगा सिंह उदावत** ने बताया कि इन लोगों के पास जो वायरलेस सेट मिले हैं, वो **सिर्फ सैन्य या सुरक्षा एजेंसियों के उपयोग में आते हैं**, आम नागरिकों के पास इनका होना गंभीर अपराध है।
★ मुकदमा दर्ज, गहन जांच जारी रूपईडीहा पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ **दूरसंचार अधिनियम की विभिन्न धाराओं** में मामला दर्ज कर लिया है। अब पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि ये लोग **नेपाल क्यों गए थे**, **वायरलेस सेट कहां से आए**, और क्या इनके **संपर्क किसी विदेशी आतंकी या पाकिस्तानी एजेंसियों से हैं**। > **एसएसबी कमांडेंट गंगा सिंह उदावत** ने मीडिया से कहा: > “हमारे जवानों की सतर्कता के चलते यह बड़ा नेटवर्क उजागर हुआ है। मामले की जांच कई एजेंसियां कर रही हैं, और देश की सुरक्षा को देखते हुए हर एंगल से पड़ताल की जा रही है।”