ऑपरेशन चक्र-V के तहत संगठित साइबर अपराध/डिजिटल गिरफ्तारी के खिलाफ सीबीआई का बड़ा अभियान

Jun 27, 2025 - 08:26
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ऑपरेशन चक्र-V के तहत संगठित साइबर अपराध/डिजिटल गिरफ्तारी के खिलाफ सीबीआई का बड़ा अभियान

ऑपरेशन चक्र-V के तहत संगठित साइबर अपराध/डिजिटल गिरफ्तारी के खिलाफ सीबीआई का बड़ा अभियान

सीबीआई का साइबर धोखाधड़ी में इस्तेमाल किए जा रहे म्यूल बैंक खातों के संबंध में 42 स्थानों पर देशव्यापी सर्च ऑपरेशन संपूर्ण भारत में विभिन्न बैंकों की 700 से अधिक शाखाओं में लगभग 8.5 लाख म्यूल खाते 9 आरोपी गिरफ्तार दिनांक 26.06.2025 साइबर अपराध और डिजिटल गिरफ्तारी घोटालों से निपटने के लिए चल रहे प्रयासों के क्रम में, केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने विशिष्ट स्रोत सूचना पर कार्रवाई करते हुए और सत्यापन के बाद ऑपरेशन चक्र-V के तहत 05 राज्यों अर्थात् राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में 42 स्थानों पर समन्वित तलाशी शुरू की है, ताकि डिजिटल गिरफ्तारी घोटाले, छद्म रूप धारण करने, धोखाधड़ी वाले विज्ञापनों, निवेश संबंधी धोखाधड़ी और यूपीआई-आधारित वित्तीय धोखाधड़ी में शामिल संगठित साइबर धोखेबाजों द्वारा पीड़ितों के खातों से साइबर धोखाधड़ी की राशि को अंतरित करने के लिए खोले जा रहे म्यूल बैंक खातों के खतरे से निपटा जा सके।

इन साइबर धोखेबाजों को कुछ बैंक कार्मिकों, एजेंटों, एग्रीगेटर्स, बैंक संपर्क व्यक्तियों, बिचौलियों और ई-मित्रों की कमीशन और चूक (omissions)से मदद मिल रही है, जो साइबर धोखाधड़ी वाले धन को प्राप्त और अंतरित करने के साथ-साथ ऐसे खातों से निकासी को सक्षम बनाने के लिए उपयोग किए जाने वाले म्यूल खाते खोलने में सुविधा प्रदान कर रहे हैं। सीबीआई ने म्यूल खाते खोलने की पूरी साजिश, बैंकरों और बिचौलियों की भूमिका का पता लगाने और बैंक के मौजूदा नियमों व दिशा-निर्देशों को समझने के लिए जांच शुरू की है। जांच से पता चला है कि संपूर्ण भारत में विभिन्न बैंकों की 700 से अधिक शाखाओं में लगभग 8.5 लाख म्यूल खाते खोले गए है। ये खाते या तो उचित केवाईसी मानदंडों या ग्राहक की उचित जांच या प्रारंभिक जोखिम मूल्यांकन के बिना खोले गए थे। बैंकों के शाखा प्रबंधक भी सिस्टम द्वारा उत्पन्न कुछ संदिग्ध लेन-देन अलर्ट के संबंध में संवर्धित उचित जांच करने में विफल रहे हैं। कुछ बैंक खाताधारकों के पते को अप्रत्यक्ष रूप से सत्यापित करने के लिए ग्राहकों को पावती/धन्यवाद पत्र भेजने में भी विफल रहे हैं।

आरबीआई के मास्टर सर्कुलर के माध्यम से जारी दिशा-निर्देशों और बैंकों द्वारा जारी कुछ आंतरिक दिशा-निर्देशों का भी उल्लंघन किया गया है। इसलिए, आईपीसी/बीएनएस के तहत आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, जालसाजी, जाली दस्तावेज़ों को असली बताकर उपयोग करने और बैंक कार्मिकों द्वारा आपराधिक कदाचार के अपराध के लिए भी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। तलाशी के दौरान, कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य, मोबाइल फोन, बैंक खाता खोलने के दस्तावेज, लेन-देन के विवरण, केवाईसी दस्तावेज जब्त किए गए हैं और म्यूल बैंक खाता खोलने में शामिल व्यक्तियों सहित बिचौलियों की पहचान की गई है।

 इसके अलावा, 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है जिनमें म्यूल बैंक खाते खोलने के संचालन और सुविधा में उनकी भागीदारी के लिए बिचौलिए, एजेंट, एग्रीगेटर, खाताधारक और बैंक संपर्क व्यक्ति शामिल हैं। यह कार्रवाई साइबर अपराधों और इसके अपराधियों से सख्ती से निपटने के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता का हिस्सा है, जिसमें ऐसे अपराधों के पीछे के बुनियादी ढांचे को खत्म करने पर विशेष जोर दिया गया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों को न्यायालय के समक्ष पेश किया जा रहा है। मामले में जांच जारी है।