बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' के प्रदेश के जिलों की होगी रैंकिंग, प्रोत्साहन देगी सरकार

Oct 2, 2023 - 08:38
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बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' के प्रदेश के  जिलों की होगी रैंकिंग, प्रोत्साहन देगी सरकार
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महिला एवं बाल विकास मंत्रालय 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' पहल के तहत जिलों के प्रदर्शन को रैंकिंग करने और उन्हें इसके अनुसार प्रोत्साहित करने के लिए एक तंत्र शुरू करने की तैयारी में है।

 2015 में शुरू की गई इस पहल का उद्देश्य भारत में बाल लिंग अनुपात को बढ़ावा देना और लड़कियों व महिलाओं को उनके पूरे जीवन चक्र में सशक्त बनाना है। देश में जन्म के समय लिंग अनुपात (एसआरबी) 2014-15 में 918 से बढ़कर 2019-20 में 934 हो गया है, लेकिन यह अभी भी प्राकृतिक लिंग अनुपात के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अंतरराष्ट्रीय मानक 952 से नीचे है।

 मंत्रालय द्वारा जारी ऑपरेशनल मैनुअल में साझा किए गए आंकड़ों से पता चला है कि 516 जिलों में एसआरबी डब्ल्यूएचओ मानक से कम है और 169 जिलों में अभी भी एसआरबी कम या 918 के बराबर है। 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' पहल के तहत जिलों को निधियों का आवंटन उनके एसआरबी दर्जे पर आधारित है। 918 से कम या उसके बराबर एसआरबी वाले जिलों को अतिरिक्त सहायता प्राप्त होती है।

 नियमावली के मुताबिक, इस जिला स्कोरकार्ड का उद्देश्य लड़कियों और महिलाओं के कल्याण को बढ़ावा देने में जिलों द्वारा की गई प्रगति का आकलन करना और प्रोत्साहित करना है। स्कोरकार्ड मिशन शक्ति प्रबंधन सूचना प्रणाली से निकाले गए आंकड़ों के आधार पर तैयार की जाएगी।

इसमें प्रक्रिया संकेतक और परिणाम संकेतक के लिए अलग-अलग खंड शामिल होंगे, प्रत्येक जिले के प्रदर्शन का मूल्यांकन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। परिणाम संकेतकों को एक लड़की की सुरक्षा, उत्तरजीविता, स्वास्थ्य, शिक्षा और समग्र विकास को शामिल करते हुए व्यापक विषयों में वर्गीकृत किया जाएगा। दूसरी ओर, प्रक्रिया संकेतक योजना कार्यान्वयन के विभिन्न स्तरों पर किए गए संस्थागत तंत्र और क्षमता निर्माण उपायों पर ध्यान केंद्रित करेंगे।

जिला स्कोरकार्ड के आधार पर मंत्रालय वार्षिक जिला 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' रैंकिंग जारी करेगा। यह आंकड़े राज्य स्तर पर भी एकत्र किए जाएंगे, ताकि समग्र राज्य प्रदर्शन को मापा जा सके। नियमावली में यह भी कहा गया है कि 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पहल' के क्रियान्वयन की निगरानी के लिए महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाएगी। यह योजना की गतिविधियों की प्रगति और उद्देश्यों की उपलब्धि की स्थिति की निगरानी के लिए साल में कम से कम एक बार अप्रैल में बैठक करेगा।

 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में क्रियान्वयन की देखरेख मुख्य सचिवों के नेतृत्व में मिशन शक्ति ढांचे के तहत गठित समितियों द्वारा की जाएगी। इन समितियों में महिला एवं बाल विकास, समाज कल्याण और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी शामिल होंगे। राज्य स्तर पर महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए 'मिशन शक्ति स्टेट हब' केंद्रीय मंत्रालयों और जिलों के साथ समन्वय की सुविधा प्रदान करेगा। जिला स्तर पर, मिशन शक्ति समिति 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' को लागू करने के लिए जिम्मेदार होगी, जिसकी अध्यक्षता जिला मजिस्ट्रेट/जिला कलेक्टर करेंगे, जिसमें महिला एवं बाल विकास और अन्य नोडल विभागों के अधिकारी शामिल होंगे।