भारत-अमेरिका संबंधों पर मंडरा रहा खतरा: निक्की हेली ने ट्रंप प्रशासन को दी चेतावनी

भारत-अमेरिका संबंधों पर मंडरा रहा खतरा: निक्की हेली ने ट्रंप प्रशासन को दी चेतावनी
वॉशिंगटन/नई दिल्ली — संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व राजदूत और दक्षिण कैरोलिना की पूर्व गवर्नर निक्की हेली ने अमेरिका-भारत संबंधों को लेकर डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन को कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि यदि वाशिंगटन को चीन की वैश्विक महत्वाकांक्षाओं का मुकाबला करना है, तो उसे भारत के साथ अपने संबंधों को तत्काल सुधारना होगा। **न्यूजवीक** में बुधवार को प्रकाशित एक लेख में हेली ने रूसी तेल और टैरिफ विवाद को लेकर अमेरिका की नीतियों की आलोचना की। उन्होंने लिखा, *“संयुक्त राज्य अमेरिका को अपनी सबसे महत्वपूर्ण बात को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। चीन का सामना करने के लिए, अमेरिका को भारत जैसे दोस्त की जरूरत है।”*
### **ट्रंप की नीतियों से बढ़ा तनाव** राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा रूस से तेल खरीदने को लेकर भारत पर 25% टैरिफ लगाने के फैसले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव गहराया है। हेली ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भारत की ऊर्जा खरीद भले ही चिंता का विषय हो, लेकिन भारत के साथ दुश्मन जैसा व्यवहार करना अमेरिका के लिए रणनीतिक गलती साबित हो सकता है। उन्होंने कहा, *“एशिया में चीनी प्रभुत्व के खिलाफ एकमात्र देश के साथ 25 वर्षों की प्रगति को नष्ट करना एक रणनीतिक आपदा होगी।”*
### **भारत की भूमिका अहम** हेली ने लिखा कि भारत न केवल एक लोकतांत्रिक साझेदार है, बल्कि वह अमेरिका की सप्लाई चेन को चीन से हटाने की रणनीति में एक मजबूत विकल्प भी प्रदान करता है। भारत के पास टेक्सटाइल, मोबाइल और सोलर पैनल जैसे क्षेत्रों में चीन जैसी विनिर्माण क्षमता है। उन्होंने भारत के अमेरिका और इज़रायल के साथ बढ़ते रक्षा संबंधों को भी *“मुक्त विश्व की सुरक्षा के लिए एक मूल्यवान संपत्ति”* बताया। ### **चीन को छूट, भारत पर सख्ती की आलोचना** निक्की हेली ने ट्रंप प्रशासन की उस नीति की आलोचना भी की जिसमें भारत पर टैरिफ लगाया गया, जबकि चीन को—जो रूस और ईरान का सबसे बड़ा तेल खरीदार है—90 दिनों की छूट दे दी गई। हेली के अनुसार, यह दोहरा मापदंड अमेरिका के दीर्घकालिक हितों को नुकसान पहुंचा सकता है।
### **मोदी-ट्रंप वार्ता की जरूरत** हेली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच सीधी बातचीत की अपील की है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि यह गतिरोध जारी रहा, तो चीन इस दरार का फायदा उठाकर क्षेत्रीय प्रभुत्व बढ़ा सकता है। लेख का समापन करते हुए हेली ने 1982 में अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन के इंदिरा गांधी से कहे गए शब्दों को याद दिलाया: *“भले ही वाशिंगटन और नई दिल्ली कभी-कभी अलग रास्तों पर चलें, लेकिन उनकी मंजिल एक होनी चाहिए।”*