बिहार में महागठबंधन की ताकत बढ़ी: अखिलेश-तेजस्वी की मुलाकात, 'अबकी बार, बीजेपी बिहार से बाहर'
बिहार में महागठबंधन की ताकत बढ़ी: अखिलेश-तेजस्वी की मुलाकात, 'अबकी बार, बीजेपी बिहार से बाहर'
पटना, 31 अगस्त – बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर महागठबंधन ने अपनी तैयारियों को तेज कर दिया है। समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रविवार को पटना पहुंचकर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से मुलाकात की। यह बैठक राबड़ी देवी के आवास पर करीब 15 से 20 मिनट तक चली। मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए अखिलेश यादव ने ऐलान किया कि बिहार में महागठबंधन की ओर से तेजस्वी यादव ही मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे। उन्होंने कहा, "तेजस्वी से बेहतर मुख्यमंत्री उम्मीदवार बिहार में कोई नहीं हो सकता। मैं उनके साथ हूं और पूरे चुनाव में उन्हें समर्थन दूंगा।" तेजस्वी यादव ने भी अखिलेश की यात्रा को "वोटर अधिकार यात्रा" में नई ऊर्जा देने वाला बताया।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा के '400 पार' नारे को आधे पर रोकने वाले अखिलेश यादव के अनुभव का लाभ अब बिहार को मिलेगा। तेजस्वी ने भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए कहा, "भाजपा जुमलों की पार्टी है, अफवाह फैलाने में माहिर है। लेकिन इस बार बिहार की जनता जागरूक है।" अखिलेश यादव ने भाजपा को "इस्तेमाल कर छोड़ देने वाली पार्टी" बताते हुए कहा, "भाजपा पहले इस्तेमाल करती है, फिर बर्बाद करती है। अब जनता इसे पहचान चुकी है।" उन्होंने महागठबंधन के लिए नया नारा भी दिया – **'अबकी बार, बीजेपी बिहार से बाहर'**। इससे पहले भोजपुर जिले के आरा में महागठबंधन की "वोटर अधिकार यात्रा" में शामिल हुए अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार और चुनाव आयोग पर भी निशाना साधा। उन्होंने बिहार में चल रहे गहन मतदाता पुनरीक्षण (एसआईआर) को "सिरफिरा फैसला" करार देते हुए कहा कि यह लोकतंत्र पर हमला है।
उन्होंने आरोप लगाया कि "ये पहले आपके वोट का अधिकार छीनेंगे, फिर राशन और फिर नौकरी का।" चुनाव आयोग को उन्होंने "जुगाड़ आयोग" बताते हुए भाजपा, सरकार और प्रशासन को "तीन तिगाड़ा" करार दिया और दावा किया कि इंडिया गठबंधन इन सबको जवाब देगा। बिहार की राजनीति में इस मुलाकात और बयानों को विपक्ष की एकजुटता के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है।





