गंगा ने किया रौद्र रूप धारण :- तटवर्ती इलाके में दिखाई दे रहा चहुंओर पानी ही पानी

गंगा ने किया रौद्र रूप धारण :- तटवर्ती इलाके में दिखाई दे रहा चहुंओर पानी ही पानी
– काफी अंतराल के बाद इस साल गंगा का पानी बूढी गंगा नदी तक पहुंचा, जलप्लावन का भयानक मंजर, पानी से घिरे गांव फसलें डूबी आने जाने वाले मार्गो पर भी वहने लगी पानी की धार
– स्थिति को देख अलर्ट प्रशासन ने बचाव एवं राहत कार्य के लिए नावों तथा स्टीमर लगा – जारी किया ट्रोल फ्री नम्बर
कायमगंज / फर्रुखाबाद। गंगा नदी में आई भयानक बाढ ने अब रौद्र रूप धारण कर लिया है । काफी समय के बाद इस बार गंगा का पानी बूढ़ी गंगा तक पहुंच चुका है और आसपास क्षेत्र में फसलों को भारी नुकसान होने की संभावना दिखाई देने लगी है । लगातार बढ रहे जलस्तर के कारण बाढ़ का पानी तराई क्षेत्र के गांवअहमदगंज मार्ग पर बहने लगा । जिससे राहगीरों को भारी दिक्कत के साथ ही खतरे का सामना करना पड़ रहा है। वहीं कुछ लोग इस बाढ़ के पानी को लेकर काफी खुश नजर आ रहे हैं और बाढ़ के पानी में मौज मस्ती करते हुए नजर आए। बताते चलें की गंगा नदी का 137 पॉइंट 10 पर खतरे का निशान है । लेकिन इस समय गंगा नदी 137 पॉइंट 25 पर बह रही है। इसके अलावा अब ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे ज्यादा दिक्कत जानवरों के चारे को लेकर है । चारों तरफ पानी भर चुका है । खेत खलियान जलमग्न हो चुके हैं। वहीं प्रशासन भी लगातार स्थिति पर नज़रें बनाए हुए हैं प्रशासनिक अधिकारियों ने टोल फ्री नंबर भी जारी कर रखा है। वचाव तथा राहत कार्य के लिए नावों – नाविकों , स्टीमर की व्यवस्था कर , बाढ़ चौकियों के साथ ही राहत शिविर , चिकित्सा कैंप , शरणालयों का भी इंतजाम किया गया है ।
किन्तु इसके बावजूद भी यह प्राकृतिक आपदा से तहसील क्षेत्र के माधवपुर माजरा बोरा, अहिवरन नगला, धीमर नगला मंतपुरा, गढ़ी मजरा पथरामई, चौड़ेरा, छोटी कारव, अंतू नगला, मस्तानी, भरथरी, एकलहरा, पुंथर देहमाफी, शेखपुर हुसंगा, नूनैरा, चौखड़िया, सिनौली, गंगपुर, कमरूदीननगर, पलितपुरा, करई, पथरामई, कैल्याई, कमतरी, समाइचीं पुर चितार, सैदपुर पिस्तौर, तरण नगला मजरा नारूआ नगला, जटपुरा, कासिमपुर तराई, नगरीय, बत्तीस मजरा अजीजाबाद, चौराहार, गुटौटी दक्षिण, पहलानी दक्षिण, अलमापुर, कटरी दुनंदा, गड़िया हैवतपुर, कटरी रूपपुर मंगलीपुर, कटरी तौफीक, मसूदपुर पट्टी, अचानकपुर मजरा हैबतपुर, बंगशनगर आदि 37 गांव बाढ़ से प्रभावित है । जहां बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं । वहीं लगात और मेहनत से तैयार धान ईख तथा जायद की फसलें बर्वाद हो रहीं है । पशुओं के चारे की समस्या से भी ग्रामीण परेशान हैं ।