Bhai Dooj 2024 Tilak Muhurat : दूज आज, जानें पूजन और टीका करने का शुभ मुहूर्त
Bhai Dooj 2024 Tilak Muhurat : दूज आज, जानें पूजन और टीका करने का शुभ मुहूर्त
Bhai Dooj 2024 Tilak Muhurat: भाई दूज के साथ आज पांच दिवसीय दीपोत्सव का समापन हो रहा है. आज के दिन बहनें अपने भाई के तिलक कर लगाकर उनकी लंबी उम्र और सुखी जीवन की कामना करती हैं।
इस दिन भाई अपनी बहन के यहां भोजन करते हैं। हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि पर भाई दूज मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, भाई दूज कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है. भाई दूज का आज सबसे खास मुहूर्त दोपहर 1 बजकर 10 मिनट से लेकर 3 बजकर 22 मिनट तक है. इसके बाद राहुकाल शुरू हो जाएगा। भाई दूज पर भाई की आरती उतारते वक्त बहन की थाली में सिंदूर, फूल, चावल के दाने, सुपारी, पान का पत्ता, चांदी का सिक्का, नारियल, फूल माला, मिठाई, कलावा, दूब घास और केला जरूर होना चाहिए. इन सभी चीजों के बिना भाई दूज का त्योहार अधूरा माना जाता है।
भाई दूज के मौके पर बहनें, भाई के तिलक और आरती के लिए थाल सजाती है. इसमें कुमकुम, सिंदूर, चंदन,फल, फूल, मिठाई और सुपारी आदि सामग्री होनी चाहिए. तिलक करने से पहले चावल के मिश्रण से एक चौक बनाएं. चावल के इस चौक पर भाई को बिठाया जाए और शुभ मुहूर्त में बहनें उनका तिलक करें. तिलक करने के बाद फूल, पान, सुपारी, बताशे और काले चने भाई को दें और उनकी आरती उतारें. तिलक और आरती के बाद भाई अपनी बहनों को उपहार भेंट करें और सदैव उनकी रक्षा का वचन दें।
● भाई दूज पर बहनों को भाई के तिलक से कुछ भी ग्रहण नहीं करना चाहिए, ऐसा करना अशुभ माना जाता है।
● इस दिन टीका करने के लिए बहनें शुभ मुहूर्त का ध्यान रखें, राहु काल में भाई दूज करने से बचना चाहिए।
● इस दिन आपस में लड़ाई-झगड़े ना करें।
भाई दूज पर शाम के समय घर के बाहर बाईं ओर मिट्टी के कलश में जल भरकर रखें. इसके ऊपर सरसों के तेल का चौमुखी दीपक जलाएं. उनसे प्रार्थना करें कि घर में रहने वाले सभी लोग दीर्घायु और स्वस्थ हों. अगले दिन सुबह कलश का जल घर के प्रत्येक कोने में छिड़क दें। एक पौराणिक मान्यता के अनुसार यमुना ने इसी दिन अपने भाई यमराज की लंबी आयु के लिए व्रत किया था और उन्हें अन्नकूट का भोजन खिलाया था. कथा के अनुसार, यम देवता ने अपनी बहन को इसी दिन दर्शन दिए थे। यम की बहन यमुना अपने भाई से मिलने के लिए अत्यधिक व्याकुल थी। अपने भाई के दर्शन कर यमुना बेहद प्रसन्न हुई।
यमुना ने प्रसन्न होकर अपने भाई की बहुत आवभगत की. यम ने प्रसन्न होकर उसे वरदान दिया कि इस दिन अगर भाई-बहन दोनों एक साथ यमुना नदी में स्नान करेगें, तो उन्हें मुक्ति प्राप्त होगी। इसी कारण से इस इन यमुना नदी में भाई-बहन के साथ स्नान करने का बड़ा महत्व है. इसके अलावा यम ने यमुना ने अपने भाई से वचन लिया कि आज के दिन हर भाई को अपनी बहन के घर जाना चाहिए। तभी से भाई दूज मनाने की प्रथा चली आ रही है. भाई दूज यानी यम द्वितीया पर यमराज को प्रसन्न करने के लिए बहनें व्रत भी रखती हैं।