खाने में थूक मिलाने पर मिलेगी 10 साल की सजा: यूपी की योगी सरकार ला रही है नया कानून

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार खाने-पीने की वस्तुओं में थूक या यूरिन मिलाने पर 10 साल तक की सजा का प्रावधान करने जा रही है।

Oct 16, 2024 - 08:58
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खाने में थूक मिलाने पर मिलेगी 10 साल की सजा: यूपी की योगी सरकार ला रही है नया कानून
Yogi Food Policy
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UP News: उत्तर प्रदेश में खाने-पीने की वस्तुओं में थूक या यूरिन मिलाने पर 10 साल तक की सजा होगी। यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार इस पर एक कानून बना रही है। इस प्रकार का कानून लागू करने वाला यूपी देश का पहला राज्य बन जाएगा।

नए कानून में ग्राहकों को यह अधिकार दिया जाएगा कि वे होटल या रेस्टोरेंट में यह पूछ सकेंगे कि जो उन्हें खिलाया जा रहा है, उसमें क्या-क्या सामग्री मिलाई गई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार "उत्तर प्रदेश छद्म सौहार्द विरोधी क्रियाकलाप निवारण एवं थूकना प्रतिषेध अध्यादेश-2024" और "यूपी प्रिवेंशन ऑफ कंटेमिनेशन इन फूड (कन्यूजमर राइट टू नो)" अध्यादेश लाने की योजना बना रही है। सीएम योगी ने मंगलवार शाम को अपने आवास पर दोनों अध्यादेशों के मसौदे पर गृह, विधि एवं न्याय, संसदीय कार्य और खाद्य एवं रसद आपूर्ति विभाग के अधिकारियों के साथ चर्चा की।

अध्यादेश कैबिनेट से होगा मंजूर

दोनों मसौदे गृह विभाग, विधि एवं न्याय विभाग और खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने एक लंबी प्रक्रिया के बाद तैयार किए हैं। इस कानून के तहत खाने-पीने की वस्तुओं में थूक, पेशाब या अन्य अवांछित तत्वों की मिलावट रोकने के लिए सख्त सजा का प्रावधान किया जा रहा है। अध्यादेश के बाद इसे अगले विधानसभा सत्र में पारित किया जाएगा।

नए कानून में क्या-क्या प्रावधान होंगे

इस ऑर्डर के बाद यदि खाने की चीज में शामिल इंग्रेडिएंट्स ग्राहक को पसंद नहीं आते, तो वह उसे अधिकार के साथ इनकार कर सकेगा। ऐसे में विक्रेता उसे मजबूर नहीं कर सकेगा। ग्राहक यह पूछ सकेंगे कि होटल, रेस्टोरेंट में उन्हें जो खिलाया जा रहा है, उसमें क्या-क्या सामग्री डाली गई है।

खाने-पीने की वस्तुओं में मिलावट होने पर ग्राहक शक के आधार पर पुलिस से शिकायत कर सकेगा। इसकी जांच के लिए भी मानक नियम तय किए जाएंगे।

यूपी में क्यों बनाना पड़ रहा है कानून

उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ महीनों में दुकानों पर जूस में पेशाब मिलाने और खाने-पीने की वस्तुओं में थूकने के मामले सामने आए हैं। इस संबंध में ठोस कानून नहीं होने के कारण आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं हो पा रही है। कानून में प्रावधान न होने के कारण इन लोगों को कड़ी सजा नहीं मिल पा रही है।

विधि विभाग के अधिकारियों का मानना है कि ऐसी घटनाएं लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत कर रही हैं। हमेशा सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने का खतरा भी रहता है। ऐसी घटनाओं पर पाबंदी लगाने के लिए सरकार को अध्यादेश लाना पड़ रहा है।

सीएम योगी ने कहा- थूक या गंदगी मिलाना कतई स्वीकार नहीं

सीएम योगी ने कहा कि हाल के दिनों में जूस, दाल और रोटी जैसी खान-पान की वस्तुओं में थूक और यूरिन मिलाने की घटनाएं बढ़ गई हैं। ऐसी घटनाएं वीभत्स हैं और आम आदमी के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल सकती हैं। यह सामाजिक सौहार्द पर भी प्रतिकूल असर डालती हैं। ऐसे प्रयास कतई स्वीकार नहीं किए जा सकते।

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि खाद्य पदार्थों की पवित्रता और विश्वास बनाए रखने के लिए कठोर कानून बनाया जाना आवश्यक है। होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा और स्ट्रीट वेंडर से जुड़ी गतिविधियों के संबंध में स्पष्ट कानून तैयार करें। कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कारावास और अर्थदंड की सजा सुनिश्चित की जानी चाहिए। इस प्रकार के अपराध को संज्ञेय और अमानवीय मानते हुए कार्रवाई की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि असामाजिक तत्वों को खान-पान की वस्तुओं और पेय पदार्थों में मानव अपशिष्ट, अखाद्य और गंदी चीजों की मिलावट से रोकने के लिए कानून बनाना होगा।

उन्होंने कहा कि ऐसी असामाजिक गतिविधियों पर सख्ती से रोक लगाई जानी चाहिए और हर उपभोक्ता को यह अधिकार होना चाहिए कि वह खाद्य एवं पेय पदार्थों के विक्रेता और सेवा प्रदाताओं के बारे में आवश्यक जानकारी रख सके। इसके लिए विक्रेता को प्रतिष्ठान पर साइनबोर्ड लगाना जरूरी होगा। सभी कर्मचारियों के लिए पहचान पत्र रखना अनिवार्य होगा। पहचान छिपाने वालों को सजा मिलनी चाहिए।

योगी ने कहा कि दुकानदार यह सुनिश्चित करें कि उनके यहां कोई भी भोजन दूषित न हो। सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य होगा, जिसकी न्यूनतम एक माह की फुटेज जिला प्रशासन द्वारा मांगे जाने पर हर समय उपलब्ध कराई जाए। रसोईघर में भोजन पकाते समय और भोजन प्रतिष्ठान में परोसते समय सिर ढकना, मास्क पहनना और दस्ताने पहनना अनिवार्य होगा।

कर्मचारियों की पूरी जानकारी थाने में दी जानी चाहिए। यदि किसी खाद्य प्रतिष्ठान में किसी कार्मिक का घुसपैठिया या अवैध विदेशी नागरिक होना साबित होता है, तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए। कानून में इस संबंध में स्पष्ट प्रावधान किया जाना चाहिए।