बेजुबान जानवारों के लिए मसीहा थे रतन टाटा, ये भी है उनकी विरासत का एक अद्वितीय पहलू...

Ratan Tata's Love for Dogs: देश के महान उद्योगपति और परोपकारी रतन टाटा का बुधवार को 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया, लेकिन उनकी विरासत और समाज के प्रति उनका योगदान हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेगा। उन्होंने न केवल व्यवसायिक दुनिया में अपनी पहचान बनाई, बल्कि पशु प्रेम और संवेदनशीलता के क्षेत्र में भी उनका योगदान अविस्मरणीय है। रतन टाटा का कुत्तों के प्रति गहरा प्रेम उनके व्यक्तित्व का ऐसा पहलू था, जिसे शब्दों में बयां करना कठिन है, लेकिन उनकी यह भावनाएं हमेशा प्रेरणा स्रोत बनी रहेंगी।2018 की वह घटना, जब रतन टाटा ने अपने कुत्ते के लिए ब्रिटिश रॉयल फैमिली का सम्मान ठुकरा दिया:यह घटना फरवरी 2018 की है, जब रतन टाटा को ब्रिटेन की रॉयल फैमिली द्वारा एक प्रतिष्ठित सम्मान दिया जाने वाला था। इस पुरस्कार समारोह का आयोजन ब्रिटिश एशियन ट्रस्ट द्वारा किया गया था! बकिंघम पैलेस में होने जा रहे इस समारोह में रतन टाटा के सम्‍मान में खुद किंग चार्ल्स III उपस्थित होने जा रहे थे।शुरुआत में रतन टाटा ने इस समारोह में शामिल होने की पुष्टि भी कर दी थी। लेकिन कुछ दिन पहले, जब तारीख नजदीक आई, तो रतन टाटा ने एक दिल तोड़ने वाला फैसला लिया—उन्होंने समारोह में शामिल न होने का निर्णय लिया। इस फैसले का कारण जानकर हर कोई स्तब्ध रह गया।इस घटना को साझा करते हुए, भारतीय व्यवसायी सुहेल सेठ ने बताया कि 2 या 3 फरवरी 2018 को जब वह लंदन पहुंचे, तो उन्हें रतन टाटा के 11 मिस्ड कॉल्स मिले। जब उन्होंने रतन टाटा को फोन किया, तो रतन टाटा ने उन्हें बताया, "टैंगो और टीटो—उनमें से एक बहुत बीमार है। मैं उसे छोड़कर नहीं जा सकता।"रतन टाटा का इस समारोह में न जाना न केवल उनके कुत्तों के प्रति सच्ची भावना को दर्शाता है, बल्कि यह साबित करता है कि उनके लिए परिवार और जानवरों की देखभाल हर सम्मान और पुरस्कार से ऊपर थी। यह कहानी सोशल मीडिया पर फिर से वायरल हो रही है, और लोग उनके इस फैसले की सराहना कर रहे हैं।सियोन अस्पताल के पास एक खोए हुए डॉग की कहानीएक बार रतन टाटा ने अपने ऑफिस के कर्मचारियों द्वारा सियोन अस्पताल, मुंबई के पास एक खोए हुए और घायल डॉग की कहानी शेयर की थी। कर्मचारियों ने उस डॉग को सड़कों पर घायल अवस्था में पाया और तुरंत उसे बचाने का प्रयास किया। इस घटना के बारे में रतन टाटा ने सोशल मीडिया पर लिखा, "अगर यह डॉग आपका है, तो कृपया हमें रिपोर्टलॉस्टडॉग@gmail.com पर ईमेल करें और कुछ सबूत के साथ संपर्क करें। इस बीच, हम उसकी देखभाल कर रहे हैं और उसका इलाज करवा रहे हैं।" यह उनकी संवेदनशीलता और पशुओं के प्रति उनके प्रेम का प्रमाण था। टाटा ग्रुप के बॉम्बे हाउस में कुत्तों के लिए विशेष इंतजामरतन टाटा ने टाटा ग्रुप के मुख्यालय बॉम्बे हाउस में कुत्तों के लिए विशेष व्यवस्था की थी। यहां कंपनी के कर्मचारियों और अन्य लोग आवारा कुत्तों का ख्याल रखते थे। रतन टाटा के निर्देश पर इन कुत्तों को खाना, पानी, और सुरक्षित जगह मुहैया कराई जाती थी। यह अनोखा कदम उनके जानवरों के प्रति प्रेम और करुणा का उदाहरण था, जिसने बॉम्बे हाउस को एक पशु-प्रेमी संस्थान बना दिया। खोए हुए पालतू कुत्ते के लिए मदद की अपीलरतन टाटा ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट्स में कई बार पालतू कुत्तों के खो जाने पर मदद की अपील की। एक बार उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट साझा किया, जिसमें उन्होंने अपने कर्मचारियों और फॉलोअर्स से एक खोए हुए डॉग को ढूंढने की अपील की। इस कुत्ते की पहचान करवाने और उसे उसके मालिक तक पहुंचाने में रतन टाटा ने व्यक्तिगत रूप से दिलचस्पी ली। यह घटना उनके पशु-प्रेमी व्यक्तित्व का एक और उदाहरण थी। रतन टाटा की आखिरी डॉग्स से जुड़ी पोस्टरतन टाटा की अंतिम डॉग्स से जुड़ी पोस्ट ने सभी का दिल छू लिया था। इस पोस्ट में उन्होंने उन चार डॉग्स और उनके मालिकों का धन्यवाद किया, जिन्होंने सात महीने के बीमार कुत्ते के लिए रक्तदान किया था। यह घटना साबित करती है कि रतन टाटा ने अपने आखिरी समय तक डॉग्स के प्रति अपने प्रेम और कर्तव्य को निभाया। उनका यह प्रेम लोगों को हमेशा प्रेरित करता रहेगा। आवारा डॉग्स को घर दिलाने की पहलरतन टाटा हमेशा आवारा कुत्तों के लिए घर खोजने के प्रयासों में लगे रहते थे। वह अक्सर अपने फॉलोअर्स से अपील करते थे कि वे बेसहारा कुत्तों को गोद लें और उन्हें प्यार और सुरक्षा दें। उन्होंने कई डॉग्स के लिए घर दिलाने में मदद की, और उनकी पोस्ट्स ने कई लोगों को कुत्ते गोद लेने के लिए प्रेरित किया। उनके द्वारा की गई यह पहल लोगों के दिलों में उनके प्रति सम्मान और भी बढ़ा देती है। रतन टाटा का जीवन केवल उनके व्यवसायिक उपलब्धियों तक सीमित नहीं था। वह एक ऐसे व्यक्ति थे जिनका दिल हर जीव के लिए धड़कता था। इस घटना से यह साफ हो जाता है कि उनके लिए प्यार, करुणा और जिम्मेदारी की परिभाषा कितनी गहरी थी। उनकी यह कहानी आज भी हमें प्रेरित करती है कि जीवन में रिश्ते, प्रेम और संवेदनशीलता सबसे अधिक महत्वपूर्ण होते हैं। जानवरों के प्रति उनके अनूठे प्रेम की ऐसी कई कहानियां हैं जो रतन के विरासत के एक अद्वितीय पहलू को दर्शातीं हैं।  

Oct 10, 2024 - 12:30
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बेजुबान जानवारों के लिए मसीहा थे रतन टाटा, ये भी है उनकी विरासत का एक अद्वितीय पहलू...
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Ratan Tata's Love for Dogs: देश के महान उद्योगपति और परोपकारी रतन टाटा का बुधवार को 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया, लेकिन उनकी विरासत और समाज के प्रति उनका योगदान हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेगा। उन्होंने न केवल व्यवसायिक दुनिया में अपनी पहचान बनाई, बल्कि पशु प्रेम और संवेदनशीलता के क्षेत्र में भी उनका योगदान अविस्मरणीय है।

रतन टाटा का कुत्तों के प्रति गहरा प्रेम उनके व्यक्तित्व का ऐसा पहलू था, जिसे शब्दों में बयां करना कठिन है, लेकिन उनकी यह भावनाएं हमेशा प्रेरणा स्रोत बनी रहेंगी।

2018 की वह घटना, जब रतन टाटा ने अपने कुत्ते के लिए ब्रिटिश रॉयल फैमिली का सम्मान ठुकरा दिया:

यह घटना फरवरी 2018 की है, जब रतन टाटा को ब्रिटेन की रॉयल फैमिली द्वारा एक प्रतिष्ठित सम्मान दिया जाने वाला था। इस पुरस्कार समारोह का आयोजन ब्रिटिश एशियन ट्रस्ट द्वारा किया गया था! बकिंघम पैलेस में होने जा रहे इस समारोह में रतन टाटा के सम्‍मान में खुद किंग चार्ल्स III उपस्थित होने जा रहे थे।

शुरुआत में रतन टाटा ने इस समारोह में शामिल होने की पुष्टि भी कर दी थी। लेकिन कुछ दिन पहले, जब तारीख नजदीक आई, तो रतन टाटा ने एक दिल तोड़ने वाला फैसला लिया—उन्होंने समारोह में शामिल न होने का निर्णय लिया। इस फैसले का कारण जानकर हर कोई स्तब्ध रह गया।

इस घटना को साझा करते हुए, भारतीय व्यवसायी सुहेल सेठ ने बताया कि 2 या 3 फरवरी 2018 को जब वह लंदन पहुंचे, तो उन्हें रतन टाटा के 11 मिस्ड कॉल्स मिले। जब उन्होंने रतन टाटा को फोन किया, तो रतन टाटा ने उन्हें बताया, "टैंगो और टीटो—उनमें से एक बहुत बीमार है। मैं उसे छोड़कर नहीं जा सकता।"

रतन टाटा का इस समारोह में न जाना न केवल उनके कुत्तों के प्रति सच्ची भावना को दर्शाता है, बल्कि यह साबित करता है कि उनके लिए परिवार और जानवरों की देखभाल हर सम्मान और पुरस्कार से ऊपर थी। यह कहानी सोशल मीडिया पर फिर से वायरल हो रही है, और लोग उनके इस फैसले की सराहना कर रहे हैं।

सियोन अस्पताल के पास एक खोए हुए डॉग की कहानी

एक बार रतन टाटा ने अपने ऑफिस के कर्मचारियों द्वारा सियोन अस्पताल, मुंबई के पास एक खोए हुए और घायल डॉग की कहानी शेयर की थी। कर्मचारियों ने उस डॉग को सड़कों पर घायल अवस्था में पाया और तुरंत उसे बचाने का प्रयास किया। इस घटना के बारे में रतन टाटा ने सोशल मीडिया पर लिखा, "अगर यह डॉग आपका है, तो कृपया हमें रिपोर्टलॉस्टडॉग@gmail.com पर ईमेल करें और कुछ सबूत के साथ संपर्क करें। इस बीच, हम उसकी देखभाल कर रहे हैं और उसका इलाज करवा रहे हैं।" यह उनकी संवेदनशीलता और पशुओं के प्रति उनके प्रेम का प्रमाण था।

 टाटा ग्रुप के बॉम्बे हाउस में कुत्तों के लिए विशेष इंतजाम

रतन टाटा ने टाटा ग्रुप के मुख्यालय बॉम्बे हाउस में कुत्तों के लिए विशेष व्यवस्था की थी। यहां कंपनी के कर्मचारियों और अन्य लोग आवारा कुत्तों का ख्याल रखते थे। रतन टाटा के निर्देश पर इन कुत्तों को खाना, पानी, और सुरक्षित जगह मुहैया कराई जाती थी। यह अनोखा कदम उनके जानवरों के प्रति प्रेम और करुणा का उदाहरण था, जिसने बॉम्बे हाउस को एक पशु-प्रेमी संस्थान बना दिया।

खोए हुए पालतू कुत्ते के लिए मदद की अपील

रतन टाटा ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट्स में कई बार पालतू कुत्तों के खो जाने पर मदद की अपील की। एक बार उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट साझा किया, जिसमें उन्होंने अपने कर्मचारियों और फॉलोअर्स से एक खोए हुए डॉग को ढूंढने की अपील की। इस कुत्ते की पहचान करवाने और उसे उसके मालिक तक पहुंचाने में रतन टाटा ने व्यक्तिगत रूप से दिलचस्पी ली। यह घटना उनके पशु-प्रेमी व्यक्तित्व का एक और उदाहरण थी।

रतन टाटा की आखिरी डॉग्स से जुड़ी पोस्ट

रतन टाटा की अंतिम डॉग्स से जुड़ी पोस्ट ने सभी का दिल छू लिया था। इस पोस्ट में उन्होंने उन चार डॉग्स और उनके मालिकों का धन्यवाद किया, जिन्होंने सात महीने के बीमार कुत्ते के लिए रक्तदान किया था। यह घटना साबित करती है कि रतन टाटा ने अपने आखिरी समय तक डॉग्स के प्रति अपने प्रेम और कर्तव्य को निभाया। उनका यह प्रेम लोगों को हमेशा प्रेरित करता रहेगा।

आवारा डॉग्स को घर दिलाने की पहल

रतन टाटा हमेशा आवारा कुत्तों के लिए घर खोजने के प्रयासों में लगे रहते थे। वह अक्सर अपने फॉलोअर्स से अपील करते थे कि वे बेसहारा कुत्तों को गोद लें और उन्हें प्यार और सुरक्षा दें। उन्होंने कई डॉग्स के लिए घर दिलाने में मदद की, और उनकी पोस्ट्स ने कई लोगों को कुत्ते गोद लेने के लिए प्रेरित किया। उनके द्वारा की गई यह पहल लोगों के दिलों में उनके प्रति सम्मान और भी बढ़ा देती है।

रतन टाटा का जीवन केवल उनके व्यवसायिक उपलब्धियों तक सीमित नहीं था। वह एक ऐसे व्यक्ति थे जिनका दिल हर जीव के लिए धड़कता था। इस घटना से यह साफ हो जाता है कि उनके लिए प्यार, करुणा और जिम्मेदारी की परिभाषा कितनी गहरी थी। उनकी यह कहानी आज भी हमें प्रेरित करती है कि जीवन में रिश्ते, प्रेम और संवेदनशीलता सबसे अधिक महत्वपूर्ण होते हैं। 

जानवरों के प्रति उनके अनूठे प्रेम की ऐसी कई कहानियां हैं जो रतन के विरासत के एक अद्वितीय पहलू को दर्शातीं हैं।