UP Assembly Elections: क्या उत्तर प्रदेश में समय से पहले होंगें विधानसभा चुनाव ?
UP Assembly Elections: क्या उत्तर प्रदेश में समय से पहले होंगें विधानसभा चुनाव ?
UP Assembly Elections: उत्तर प्रदेश में साल 2027 में विधानसभा प्रस्तावित हैं. इससे पहले वर्ष 2022 में इलेक्शन हुए थे और भारतीय जनता पार्टी ने सरकार बनाई थी।
अब जबकि एक राष्ट्र एक चुनाव की चर्चा शुरू हो चुकी है और केंद्रीय कैबिनेट ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व वाली कमेटी की रिपोर्ट को स्वीकृति दे दी है, ऐसे में नए समीकरणों और कयासों का दौर शुरू हो गया है। यूपी में विधानसभा चुनाव और देश में लोकसभा चुनाव के बीच दो से ढाई साल का अंतर होता है. मसलन साल 2014 आम चुनाव के बाद वर्ष 2017 में यूपी में विधानसभा चुनाव हुए. फिर साल 2019 में लोकसभा चुनाव हुए और सन् 2022 में यूपी के चुनाव हुए. इसी तरह साल 2024 में लोकसभा चुनाव हुए और 2027 में यूपी के विधानसभा चुनाव होने हैं।
अगर यह मानते हैं कि एक राष्ट्र, एक चुनाव की अवधारणा के तहत अगर साल 2029 में सभी विधानसभा चुनाव एक साथ होंगे तो यूपी में तय समय से तीन साल पहले ही इलेक्शन हो सकते हैं. 2027 में चुनाव के बाद अगला चुनाव 2032 में प्रस्तावित होगा. अगर 2029 में सभी विधानसभाओं के चुनाव होंगे तो यूपी में तय समय से पहले ही चुनाव होने की परिस्थिति बन जाएगी। कुछ ऐसा ही उत्तराखंड में भी होगा. यहां भी उत्तर प्रदेश के साथ ही राज्य विधानसभा के चुनाव होते हैं. उत्तराखंड में भी साल 2022 में चुनाव हुए थे और भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अगुवाई में सरकार बनाई थी. एक राष्ट्र एक चुनाव पर किसने क्या कहा?
बसपा चीफ मायावती ने एक राष्ट्र एक चुनाव पर कहा है कि ’एक देश, एक चुनाव’ की व्यवस्था के तहत् देश में लोकसभा, विधानसभा व स्थानीय निकाय का चुनाव एक साथ कराने वाले प्रस्ताव को केन्द्रीय कैबिनेट द्वारा आज दी गयी मंजूरी पर हमारी पार्टी का स्टैण्ड सकारात्मक है, लेकिन इसका उद्देश्य देश व जनहित में होना ज़रूरी. सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एक समृद्ध लोकतंत्र के लिए राजनीतिक स्थिरता अत्यंत महत्वपूर्ण है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यशस्वी नेतृत्व में आज केंद्रीय कैबिनेट द्वारा One Nation, One Election प्रस्ताव को दी गई मंजूरी अभिनंदनीय है. देश में राजनीतिक स्थिरता, सतत विकास और समृद्ध लोकतंत्र की सुनिश्चितता में यह निर्णय 'मील का पत्थर' सिद्ध होगा. इस युगांतरकारी निर्णय के लिए उत्तर प्रदेश की जनता की ओर से आदरणीय प्रधानमंत्री जी का हृदय से आभार!
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी पर तंज कसते हुए कहा कि अगर ‘वन नेशन, वन नेशन’ सिद्धांत के रूप में है तो कृपया स्पष्ट किया जाए कि प्रधान से लेकर प्रधानमंत्री तक के सभी ग्राम, टाउन, नगर निकायों के चुनाव भी साथ ही होंगे या फिर त्योहारों और मौसम के बहाने सरकार की हार-जीत की व्यवस्था बनाने के लिए अपनी सुविधानुसार?