222 वां आचार्य श्री भिक्षु चरमोत्सव दिवस -
222 वां आचार्य श्री भिक्षु चरमोत्सव दिवस -
प्रातः स्मरणीय क्रांतिकारी वीर भिक्षु स्वामी को आज उनके 222वें चरमोत्सव दिवस पर भाव भरा वंदन ।
महामना आचार्य श्री भिक्षु को शत - शत श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए चरमोत्सव दिवस पर मेरे भाव........….
करे तन्मय बनकर भिक्षु स्वामी का स्मरण ।
इससे बढ़कर और कोई दूसरा नहीं सदुपाय । करे तन्मय बनकर भिक्षु स्वामी का स्मरण ।
मनः शुद्धि का यह नाम विरल। जीवन में भरता उजियारा । खुलता अन्तरंग का ताला । आत्मा का यह सुख निराला ।।
करे तन्मय बनकर भिक्षु स्वामी का स्मरण । बूंद - बूंद से घट भर जाता । चलने वाला मंजिल पाता ।
निरन्तरता से सुखद पल पाता । आत्मा के भव -भ्रमण से छुटकारा मिलता । करे तन्मय बनकर भिक्षु स्वामी का स्मरण । शांति प्रिय जितनी हमको।
लगती उतनी ही औरों को । होकर इसका भान छोड़ो मत । कर से थामों अपनी डोर को ।
करे तन्मय बनकर भिक्षु स्वामी का स्मरण । भिक्षु स्वामी नाम की एक दवाई , जमीं जमाईं ।
बदलती निज का व्यवहार । स्मृति बढ़ती हैं इसके द्वारा । कट जाती कर्मों की कारा । करे तन्मय बनकर भिक्षु स्वामी का स्मरण ।
प्रदीप छाजेड़ ( बोरावड़ )