Bhagalpur Murder Case में नया एंगल: मॉल से शुरू हुआ प्यार 8 साल बाद मर्डर पर खत्म, रक्षाबंधन में बक्सर जाने वाली थी महिला सिपाही
Bhagalpur Murder Case में नया एंगल: मॉल से शुरू हुआ प्यार 8 साल बाद मर्डर पर खत्म, रक्षाबंधन में बक्सर जाने वाली थी महिला सिपाही
बिहार के भागलपुर में सिपाही नीतू और उसके परिवार की हत्या के मामले में एक नया मोड़ आया है। जानकारी के मुताबिक, नीतू और उसके पति पंकज की मुलाकात आठ साल पहले एक मॉल में हुई थी, जहाँ वे दोनों काम करते थे। धीरे-धीरे उनकी दोस्ती प्यार में बदल गई। 2015 में नीतू बिहार पुलिस में भर्ती हो गई और 2017 में दोनों ने शादी कर ली। हालाँकि, पिछले कुछ समय से नीतू और पंकज के बीच झगड़े होने लगे थे और स्थिति बिगड़ने लगी थी।
छपरा जिले के हरपुर गांव की रहने वाली 2015 बैच की महिला सिपाही नीतू, अपने पति की प्रताड़ना से तंग आ चुकी थी। उसने अपनी बहन को फोन कर अपनी स्थिति के बारे में बताया था और कहा था कि वह रक्षाबंधन के मौके पर घर आएगी। बक्सर के नया बाजार में रहने वाले उसके मामा सुनील कुमार ने भी नीतू से बक्सर आने के लिए कहा था। परिवार वाले उसकी राह देख रहे थे, तभी इस घटना की खबर मिली। सुनील सिंह ने बताया कि नीतू अपनी माँ ज्ञांती की चार बेटियों और एक बेटे में दूसरी संतान थी।
भागलपुर में तबादला होने के बाद परिवार में तनाव बढ़ा
ज्ञांती के सभी बच्चों का पालन-पोषण बक्सर में ही हुआ था। परिवार के अनुसार, नीतू ने पंकज के साथ अंतरजातीय विवाह किया था और शादी के बाद पंकज भी नीतू के साथ रहने लगा। तीन साल पहले नीतू का तबादला भागलपुर रेंज में हो गया और पिछले एक साल से वह अपने परिवार के साथ भागलपुर पुलिस लाइन में रहने लगी थी। इस दौरान पंकज और नीतू के बीच तनाव बढ़ने लगा और आखिरकार पंकज ने पूरे परिवार को खत्म करने का भयानक फैसला कर लिया।
सुसाइड के लिए एक दिन पहले खरीदी थी रस्सी
पुलिस के अनुसार, पंकज ने नीतू और बच्चों की हत्या के बाद खुद जिस रस्सी से आत्महत्या की, वह रस्सी नई थी और इसे घटना से एक या दो दिन पहले खरीदा गया था। पंकज ने योजना के तहत अपने परिवार को पहले बेहोश करने की दवा खिलाई, फिर सबकी हत्या कर दी और अंत में खुद आत्महत्या कर ली। पुलिस का कहना है कि उसने वारदात को अंजाम देने वाले चाकू को धो दिया था, लेकिन चाकू और नाली में खून के निशान पाए गए हैं। पंकज ने वारदात के समय पहने हुए कपड़े भी बदल दिए थे।
घटना के बाद 4 घंटे तक मोबाइल फोन खंगालता रहा
पुलिस के मुताबिक, पंकज को इस वारदात के बाद कोई पछतावा नहीं था। उसने आधी रात से पहले ही इस घटना को अंजाम दिया और फिर तीन-चार घंटे तक शवों के पास बैठकर मोबाइल देखता रहा। संभवतः वह किसी गहरी सोच में डूबा हुआ था और सुबह से ठीक पहले उसने खुद को भी खत्म कर लिया। उसके पड़ोस में रहने वाले अन्य सिपाहियों ने बताया कि जब सुबह तक दरवाजा नहीं खुला, तो उन्हें शक हुआ और आवाज दी। जब अंदर से कोई जवाब नहीं मिला, तो झांककर देखा और मामले का खुलासा हुआ।