जमात-ए-इस्‍लामी संगठन ने चेतावनी दी है क‍ि जो भी देश शेख हसीना को शरण देगा, उसके दूतावास के बाहर उग्र विरोध प्रदर्शन क‍िया जाएगा

Aug 6, 2024 - 07:58
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जमात-ए-इस्‍लामी संगठन ने चेतावनी दी है क‍ि जो भी देश शेख हसीना को शरण देगा, उसके दूतावास के बाहर उग्र विरोध प्रदर्शन क‍िया जाएगा
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बंग्‍लादेश में शेख हसीना के ख‍िलाफ गुस्‍सा अब दूसरा रूप लेता जा रहा है. अब वहां मंद‍िरों पर हमले हो रहे हैं। ह‍िन्‍दू समुदाय के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है।

भारतीय प्रत‍िष्‍ठानों में तोड़फोड़ की जा रही है। यहां तक क‍ि दो हिंदू पार्षदों की पीट पीटकर हत्‍या कर दी गई. जमात-ए-इस्‍लामी संगठन ने चेतावनी दी है क‍ि जो भी देश शेख हसीना को शरण देगा, उसके दूतावास के बाहर उग्र विरोध प्रदर्शन क‍िया जाएगा। स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार, ढाका में इस्कॉन और काली मंदिरों सहित हिंदुओं के कई घरों और मंदिरों को भी निशाना बनाया गया।

इसकी वजह से श्रद्धालुओं को शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा. उपद्रवी भीड़ ने एक भारतीय सांस्कृतिक केंद्र में तोड़फोड़ भी की. हिंदू-बौद्ध-ईसाई एकता परिषद की नेता काजोल देबनाथ ने कहा, हमें खबर मिली है कि देशभर में कम से कम चार हिंदू मंदिरों पर भीड़ ने हमले क‍िए हैं. उन्‍हें नुकसान पहुंचाया है। डेली स्टार अनुसार , परशुराम थाना अवामी लीग के सदस्य और रंगपुर सिटी कॉरपोरेशन के वार्ड 4 के पार्षद हरधन रॉय की गोली मारकर हत्‍या कर दी गई।

रंगपुर की एक अन्य हिंदू पार्षद काजल रॉय की भी विरोध प्रदर्शनों में मौत हो गई. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बांग्लादेश की राजधानी के धानमंडी इलाके में स्थित इंदिरा गांधी सांस्कृतिक केंद्र (आईजीसीसी) और बंगबंधु स्मारक संग्रहालय को एक उपद्रवी भीड़ ने क्षतिग्रस्त कर दिया है। प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्‍तीफा देने के बाद हालात और तनावपूर्ण हो गए हैं. हिंदू समुदाय के लोग चिंत‍ित नजर आ रहे हैं । 

ढाका ट्रिब्यून' की रिपोर्ट के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने ढाका में कई प्रमुख स्थानों पर आगजनी की, जिसमें धानमंडी 32 स्थित बंगबंधु भवन भी शामिल है, जिसे बंगबंधु स्मारक संग्रहालय के रूप में भी जाना जाता है. यह संग्रहालय हसीना के पिता शेख मुजीबुर रहमान को समर्पित है, जिनकी 1975 में राष्ट्रपति रहने के दौरान हत्या कर दी गई थी।

इंदिरा गांधी सांस्कृतिक केंद्र का मार्च 2010 में उद्घाटन किया गया था. यहां तमाम सांस्कृतिक कार्यक्रम, संगोष्ठियां और वर्कशॉप होती थीं। भारतीय शास्त्रीय संगीत और कथक तथा मणिपुरी जैसे इंडियन क्‍लास‍िकल डांस के ल‍िए यहां भारत ने कई प्रोफेशनल्‍स नियुक्‍त कर रखे हैं।