TB का मरीज लाओ 500 रुपये ले जाओ, कानपुर से शुरू हुई स्कीम
कानपुर में ट्यूबर कुलोसिस यानी टीबी के खात्मे के लिए नई रणनीति बनाई गई है, इसके लिए नया इंसेटिव कार्यक्रम शुरू किया गया है।
डॉक्टर, हेल्थ वर्कर के साथ आम आदमी भी टीबी मरीजों का अस्पतालों, डॉट सेन्टरों में रजिस्ट्रेशन और नोटिफिकेशन कराता है तो उसे भी प्रति मरीज 500 रुपये मिलेंगे। यह जानकारी शनिवार को देश के नामचीन चेस्ट विशेषज्ञ और टीबी टॉस्क फोर्स नार्थ जोन के चेयरमैन डॉ. सूर्यकांत त्रिपाठी ने आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान से बातचीत में दी।
डॉ. त्रिपाठी शनिवार को जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के चेस्ट विभाग में चल रही एमडी परीक्षा लेने आए थे। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने उन्हें लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, उत्तराखंड, यूपी, पंजाब, चंड़ीगढ़ में टीबी कार्यक्रम की मानीटरिंग के साथ योजनाओं को जमीन पर लागू करने की जिम्मेदारी दी है।
बताया कि अभी तक हर चौथा टीबी मरीज दवा से आराम मिलते ही इलाज बीच में ही छोड़ देता था लेकिन अब ऐसा नहीं है। मरीजों को निक्षय योजना के तहत पांच सौ रुपये प्रतिमाह मिल रहे हैं। निजी डॉक्टर को पोर्टल पर टीबी मरीज का पंजीयन कराने पर एक हजार इंसेटिव मिल रहे हैं इसलिए उनमें फीस जाने की सोच खत्म हो गई है। जानकर हैरानी होगी कि उत्तराखंड में डॉ. संजय सरीन को हर महीने टीबी मरीजों की पहचान बताने पर एक लाख रुपये मिल रहे हैं इसलिए प्राइवेट सेक्टर इंगेजमेंट का परिणाम बेहतर हो गया है।
डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि अब लोग टीबी मरीज बताने में समाज सेवा के साथ धन भी पा सकेंगे। यूपी में पांच सालों में टीबी मरीजों को निक्षय योजना में 230 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। इस मामले में यूपी देश का पहला राज्य बन गया है। टीबी के यह लक्षण हैं दो हफ्ते तक लगातार खांसी, खांसी में खून का आना, बुखार का आना व रात में बढ़ जाना इसके साथ ही वजन कम होना और कमजोरी बने रहना।