सुखी मधुर दाम्पत्य जीवन
सुखी मधुर दाम्पत्य जीवन
आज के समय में पति - पत्नी के बीच में हम सामंजस्य की कमी कितनो के बीच देख सकते है ।
विवेक की कमी और आपस में अभिमान ने ये दूरी पैदा की है कि सब एक दूसरे से अपने को अहम समझता है , अपने दृष्टिकोण को सही और दूसरे को न सही, जिसके चलते कोई झुकने को नहीं तैयार होता और आपस के सम्बन्धों को मजबूत नहीं बना पाता है इसलिये सुखी मधुर दाम्पत्य जीवन बहुत महत्वपूर्ण होता है । हर पति-पत्नी के दाम्पत्य जीवन में पारिवारिक हो या हो पारस्परिक ऊँचा-नीचा समय आना स्वाभाविक हैं ।
उनसे चिन्तित न हो कर आगे के लिए कुछ सीखा जाए यह उचित है ताकि आगे के जीवन में ख़ुशियों भरा अध्याय लिखा जाए। वैसे भी सुखी दाम्पत्य जीवन के कई सूत्र हैं । पति पत्नी शरीर दो है लेकिन मन से एक है क्योंकि उनके बीच में हर बात का आपस में आदान-प्रदान धरती से ले कर गगन तक कैसी बात हो उसका होता है ।
यह आपस में पारस्परिक आदर सन्मान ही तो मधुर सम्बन्धों का महान आधार हैं । जब पति - पत्नी के बीच स्नेह, सम्मान ओर समर्पण की भावना विकसित होती है तब सहज ही में सुखी मधुर दाम्पत्य जीवन व पारस्परिक सौहार्द की संभावना उजागर हो जाती है ।
दोनों का सुख ही उसकी असली समृद्धि है, सुख, सौहार्द, स्नेह व सम्मान के अभाव में न रिद्धि है, न वृद्धि है इसलिये एक - दूसरे की खुशी के लिए अपनी सुख सुविधा को कुर्बान करो और सुखी मधुर दाम्पत्य जीवन के लिए इस उपवन को समर्पण की सौरभ से भरो । ये ही हैं कुछ बातें जो पति-पत्नी के सम्बन्धों में मधुर सौगातें भर देती हैं ।
प्रदीप छाजेड़ ( बोरावड़ )