महिला अधिकारी को फोन उठाना पड़ गया भारी, और जिंदगी हो गई नरक
MP : ग्वालियर में डिजिटल हाउस अरेस्ट कर ठगी का एक और मामला सामने आया है. एक महिला मेडिकल ऑफिसर को लगातार 22 दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर 38 लाख रुपये ठग लिए गए।
परिवार कल्याण केन्द्र में पदस्थ मेडिकल ऑफिसर डॉ. सुजाता बापट को ह्मयूमन ट्रैफिकिंग और मनी लॉड्रिंग का सीबीआई में केस दर्ज कराने का डर दिखाकर डिजिटल अरेस्ट कर ठगी कर ली। ठगों ने महिला ऑफिसर को 9 अप्रैल को फोन कर झांसे में लिया. लगातार 22 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा।
एक मई को जब सुजाता ने पति से ठगों की बात करवाई कराई, तो उन्होंने कहा कि वह सीबीआई अफसर अजय यादव से बात कराएं. इस पर ठग बोला कि आपके साथ स्कैम हो गया. अब आप इस टेलीग्राम ग्रुप से बाहर हो जाइए. साइबर थाने में जाकर शिकायत दर्ज कराइए. इसके बाद पति-पत्नी गुरुवार शाम पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह को जानकारी दी. एसपी ने क्राइम ब्रांच प्रभारी अजय पवार को जांच कर एफआईआर के निर्देश दिए हैं।
ग्वालियर में एक माह के अंदर महिलाओं को डिजिटली अरेस्ट कर बड़ी ठगी की यह दूसरी घटना है. इससे पहले, वृद्ध शिक्षिका आशा भटनागर से 51 लाख रुपए की ठगी की गई थी, जिसमें सरगना समेत चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इस मामले में अभी पड़ताल जारी है।
ग्वालियर सीएसपी अशोक जादौन ने बताया, 'ग्वालियर क्राइम थाने में परिवार कल्याण केन्द्र में पदस्थ मेडिकल ऑफिसर डॉ. सुजाता बापट ने आवेदन दिया है कि उनके साथ 38 लाख की ठगी डिजिटल हाउस अरेस्ट करके की गई है. आवेदन प्राप्त हुआ है. बैंक डिटेल्स निकलवाकर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। ठगों ने 9 अप्रैल की दोपहर डॉ. सुजाता को कॉल कर बताया कि उन्होंने लखनऊ से म्यांमार के लिए पार्सल बुक किया है, जिसमें 50 ग्राम एमडीएम भी निकला है।
सुजाता ने खुद को निर्दोष बताया, तो ठग ने उन्हें पुलिस थाना और सीबीआई थाना कोर्ट में कनेक्ट किया. इसके बाद उनका अरेस्ट वारंट व असेट सीज करने का ऑर्डर बताकर मदद करने का झांसा देकर 10 अप्रैल को 10 अलग-अलग एफडी तुड़वाकर 35 लाख रुपये अपने खाते में आरटीजीएस से ट्रांसफर करा लिए. ठगों ने सुजाता को इस संबंध में पति या किसी को भी बताने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी भी दी. 26 अप्रैल को केस सैटल होने और उन्हें रिलीव मिलने का भरोसा दिया।
अकाउंट में बचे रुपयों की जानकारी लेकर 3 लाख रुपये फिर ट्रांसफर कराए. ठग ने रुपये लेकर वॉट्सएप पर भेजे दस्तावेज सीबीआई अफसर बने ठग ने बताया कि म्यांमार में 60 लोगों के आंख, नाक, कान निकालने पर 3.80 करोड़ रुपये आपके एचडीएफसी बैंक के अकाउंट में पहुंचे हैं. इस पर डॉ. सुजाता ने कहा कि उनका एचडीएफसी बैंक में खाता ही नहीं हैं. ठग ने यह भी कहा कि आपका केस निपटने पर रकम वापस हो जाएगी. रुपये जमा कराने पर उन्हें वाट्सएप पर दस्तावेज भी भेजे गए।
ठग राजीव गुप्ता ने डॉ. सुजाता को बताया कि पार्संल में 20 पासपोर्ट, 3 क्रेडिट कार्ड, एक लैपटॉप, 50 ग्राम एमडीएम और 4 किलो कपड़ा है. पार्सल में रिसीवर का पता जॉन डेविड़ हाउस नंबर 207 सिटी डैगान स्टेट योगून म्यांमार बताया. आलमबाग थाने में शिकायत करने को कहा, तो सुजाता ने कहा, वह लखनऊ नहीं ग्वालियर में हैं। ठग ने लखनऊ थाना और सीबीआई थाने में वीडियो कॉल पर कनेक्ट करने की धमकी देकर ठग लिया।