पश्चिमी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में पशुपालन और डेयरी क्षेत्र की योजनाओं और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन की प्रगति पर चर्चा
सचिव श्रीमती अलका उपाध्याय ने पश्चिमी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में पशुपालन और डेयरी क्षेत्र की योजनाओं और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन की प्रगति पर चर्चा के लिए, एक क्षेत्रीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता आज नई दिल्ली में की पशुपालन और डेयरी, सचिव, श्रीमती अलका उपाध्याय ने आज नई दिल्ली में
अपर मुख्य सचिव/प्रमुखसचिव/सचिव के साथ-साथ पश्चिमी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों अर्थात् गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, मध्य प्रदेश, दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव में पशुपालन और डेयरी क्षेत्र के कार्यक्रमों/योजनाओं के कार्यान्वयन की प्रगति पर चर्चा के लिए पशुपालन और डेयरी विभाग के संबंधित निदेशकों के साथ एक क्षेत्रीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।
समीक्षा बैठक में भारत सरकार के पशुपालन एवं डेयरी विभाग के अपर सचिव, संयुक्त सचिव, मुख्य लेखा नियंत्रक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में श्रीमती अलका उपाध्याय ने राष्ट्रीय गोकुल मिशन (आरजीएम), राष्ट्रीय पशुधन मिशन (एनएलएम) के तहत उद्यमिता विकास, राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनएडीसीपी), डेयरी प्रसंस्करण और अवसंरचना विकास निधि (डीआईडीएफ), राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (एनपीडीडी), पशुपालन अवसंरचना विकास निधि (एएचआईडीएफ) जैसी सभी पशुपालन और डेयरी योजनाओं की भौतिक और वित्तीय प्रगति की समीक्षा की।
जो पश्चिमी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में केंद्र सरकार द्वारा कार्यान्वित की जा रही हैं । उन्होंने योजनाओं के तहत पश्चिमी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के पास पड़ी शेष राशि के उपयोग और निपटान की आवश्यकता पर जोर दिया और राज्यों को वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए अपनी वार्षिक कार्य योजनाओं और मांगों को तुरंत अंतिम रूप देने और केंद्र सरकार को प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
उन्होंने उत्पादकता संबंधी चिंताओं को दूर करने विशेष रूप से नस्ल सुधार, प्रभावी टीकाकरण सुनिश्चित करने के साथ-साथ चारा और चारे के उत्पादन को बढ़ाने के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने राज्य पर डेयरी उत्पादों के निर्यात को प्राथमिकता देने और निर्यात को सुविधाजनक बनाने के लिए रोग मुक्त क्षेत्र विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करने पर जोर दिया।
श्रीमती अलका उपाध्याय ने पशुधन बीमा के महत्व को रेखांकित करते हुए इस बात पर जोर दिया कि राज्य एएचडी को बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए चारा बीज उत्पादन और बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
उन्होंने राज्यों को राष्ट्रीय पशुधन मिशन (एनएलएम) और पशुपालन अवसंरचना विकास निधि (एएचआईडीएफ) के तहत उद्यमिता विकास का लाभ उठाते हुए पशुपालन और डेयरी क्षेत्र में उद्यमशीलता को गहन रूप से बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया और राज्य से डेयरी उद्योग को रणनीतिक दृष्टिकोण से बढ़ावा देने के लिए डेयरी सहकारी समितियों के साथ दूध उत्पादक कंपनियों की स्थापना के लिए भी आग्रह किया।