812 दागी पत्रकारों की सरकारी मान्यता समाप्त कराने, सरकारी सुविधाएं बापस लेने की सीएम योगी से मांग
812 दागी पत्रकारों की सरकारी मान्यता समाप्त कराने, सरकारी सुविधाएं बापस लेने की सीएम योगी से मांग
मुख्यालय पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश के पुलिस अधीक्षक ( अपराध ) उत्तर प्रदेश संतोष कुमार मिश्रा द्वारा प्रमुख सचिव विधान सभा उत्तर प्रदेश लखनऊ को संबोधित एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, मानवाधिकार उत्तर प्रदेश को पृष्ठांकित कर प्रेषित किये गए पत्र संख्या पत्रांक : डीजी – सात – एस – 4 – नियम – 51(09) / 2023 दिनांक 09 अगस्त, 2023 को आधार बनाकर राजधानी के राजाजीपुरम क्षेत्र निवासी कंसलटेंट इंजीनियर संजय शर्मा ने यूपी के 812 दागी पत्रकारों की सरकारी मान्यता समाप्त कराने;आवास,सचिवालय-लोकभवन-विधा
बताते चलें कि मुख्यालय पुलिस महानिदेशक के इस पत्र के अनुसार उत्तर प्रदेश में वर्ष 2017 से 2022 तक कुल 812 पत्रकारों के खिलाफ 612 अभियोग पंजीकृत हुए हैं, जिसमें 211 पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया है तथा 5 पत्रकार अभी जेल में बंद हैं.
बकौल संजय उनको भ्रष्टाचार विरोधी मोबाइल फ़ोन हेल्पलाइन पर कुछ पत्रकारों ने ही बताया है कि आपराधिक मामलों के अभियुक्त उत्तर प्रदेश के इन 812 दागी पत्रकारों में से कई के सम्बन्ध में एल.आई.यू. विभाग ने कतिपय कारणों से आपराधिक मामलों को छुपाकर रिपोर्ट दी हैं जिसके आधार पर कई पत्रकारों को उत्तर प्रदेश के सूचना विभाग द्वारा सरकारी मान्यता प्रदान कर दी गई है, परिवहन विभाग द्वारा फ्री बस की सुविधा दी जा रही है ,स्वास्थ्य विभाग द्वारा फ्री इलाज की सुविधा दी जा रही है,राज्य संपत्ति विभाग द्वारा सरकारी आवास आबंटित हैं ,सचिवालय प्रशासन विभाग द्वारा सचिवालय स्थाई प्रवेश पास और स्थाई वाहन पास निर्गत हैं,विधान सभा सचिवालय द्वारा स्थाई पास निर्गत हैं और लोकभवन तक के स्थाई प्रवेश पास निर्गत हैं जिसके कारण सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग तो हो ही रहा है साथ ही गैर आपराधिक पृष्ठभूमि के अर्थात स्वच्छ छवि के पत्रकारों के अधिकारों का हनन भी हो रहा है.
संजय ने मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में लिखा है कि इस प्रकार की आपराधिक पृष्ठभूमि के पत्रकारों के लोकभवन,सचिवालय और विधानसभा के स्थाई सरकारी प्रवेश पास और वाहन पास से निर्बाध प्रवेश से इन अति महत्वपूर्ण और प्रदेश की सर्वोच्च संस्थाओं के भवनों की सुरक्षा व्यवस्था को भी खतरा उत्पन्न हो रहा है जिसके सम्बन्ध में गहन जांच और कड़ी कार्यवाही शीघ्रता से किया जाना समय की मांग है.
संजय ने बताया कि सुशासन के क्षेत्र में नित नए कीर्तिमान बना रहे योगी आदित्यनाथ आपराधिक मामलों के अभियुक्त उत्तर प्रदेश के 812 दागी पत्रकारों की सरकारी मान्यता समाप्त कराने, आपराधिक मामला लंबित रहने तक भविष्य में मान्यता का नवीनीकरण नहीं होने देने, इन पत्रकारों को मिल रही समस्त प्रकार की सरकारी सुविधाओं को तत्काल रोककर आपराधिक मामला लंबित रहने तक भविष्य में किसी भी प्रकार की सरकारी सुविधा अनुमन्य नहीं होने देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के एल.आई.यू. विभाग,सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, सचिवालय प्रशासन विभाग,विधान सभा सचिवालय, लोक भवन सचिवालय, मुख्यालय पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग,स्वास्थ्य विभाग,राज्य संपत्ति विभाग समेत अन्य सम्बंधित विभागों को तत्काल निर्देशित कर जनहित और पत्रकार हित के इस मामले में प्रभावी कार्यवाही शीघ्रता से अवश्य ही करायेंगे.