सदाशिव हाॅस्पिटल मामले में पुलिस कमिश्नर के आदेश पर डाॅ सुनील वर्मा के खिलाफ मामला दर्ज
सदाशिव हाॅस्पिटल मामले में पुलिस कमिश्नर के आदेश पर डाॅ सुनील वर्मा के खिलाफ मामला दर्ज
आगरा। आगरा के सदाशिव हाॅस्पिटल के मालिकाना हक को लेकर दो हिस्सेदारों के बीच चल रहे विवाद में अब नया मोड़ आ गया है। दरअसल पुलिस कमिश्नर आगरा के आदेश पर डाॅ सुनील वर्मा के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया।
सदाशिव हाॅस्पिटल के मालिक डॉ दीपक वार्ष्णेय द्वारा सदाशिव हाॅस्पिटल के हिस्सेदार रहे डॉ सुनील वर्मा के विरुद्ध पुलिस कमिश्नर आगरा को शिकायती पत्र दिया गया था जिसमें डॉ दीपक वार्ष्णेय द्वारा आरोप लगाया कि डॉ सुनील वर्मा निवासी भावन नगर मारहरा जनपद एटा सदाशिव हाॅस्पिटल में भागीदार थे।
सन् 2018 में डाॅ सुनील वर्मा की सरकारी नौकरी लगने पर डाॅ दीपक वार्ष्णेय से अपना हिसाब-किताब कर सदाशिव हाॅस्पिटल से अपना सम्बन्ध समाप्त कर लिया गया था लेकिन 01.04.2019 को डॉ सुनील वर्मा ने गलत तरीके से अपनी पत्नी चन्द्रकान्ता को सदाशिव हाॅस्पिटल में हिस्सेदार बनवा दिया।
इसके अलावा सरकारी सेवा में रहते हुए भी डॉ सुनील वर्मा सदाशिव हाॅस्पिटल में बैठकर हस्तक्षेप करता और मरीजों को देखता था जिसका डॉ दीपक वार्ष्णेय द्वारा लगातार विरोध भी किया गया लेकिन डॉ सुनील वर्मा का जबरन हाॅस्पिटल में हस्तक्षेप जारी रहा तथा मरीजों के मेडिकल बिल एवं अन्य दस्तावेज तैयार करता रहा इस दौरान की डॉ सुनील वर्मा द्वारा की गई हस्तलिपि भी प्रार्थी के पास उपलब्ध हैं।
डॉ दीपक वार्ष्णेय को ब्लैकमेल करने के उद्देश्य से डॉ सुनील वर्मा और उनकी पत्नी चन्द्रकान्ता ने हाॅस्पिटल के कर्मचारी नारायण बीएस माथुर, रमेशचंद के साथ मिलकर डॉ दीपक वार्ष्णेय के चैम्बर का ताला तोड़कर डॉ दीपक वार्ष्णेय के चैक संख्या 000255 बैंक आॅफ बड़ौदा चैक पर हस्ताक्षरित चैक व तीन व चार खाली चैक के अलावा अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेजों और ड्रोज में रखे करीब 8 से 10 हजार रुपए को चोरी कर ले गए ।
जिसकी जानकारी जानकारी प्रार्थी को हाॅस्पिटल में लगे सीसीटीवी कैमरों से हुई जिसमें डॉ सुनील वर्मा उनकी पत्नी चन्द्रकान्ता के अलावा अन्य लोग ताला तोड़ते कैद हो गए जिसके बाद डॉ दीपक वार्ष्णेय द्वारा डॉ सुनील वर्मा से इस बारे में बात कर अपने समस्त दस्तावेज वापिस मांगे लेकिन डॉ सुनील वर्मा और उनके साथ मिलकर ताला तोड़कर चोरी को अंजाम देने वाले अन्य लोगों ने उल्टा डॉ दीपक वार्ष्णेय को चैक एवं दस्तावेजों का दुरपयोग कर उन्हें फंसाने की धमकी देनी शुरू कर दी। जिसके बाद डॉ दीपक वार्ष्णेय भयभीत हो गए और पुलिस कमिश्नर से इसकी शिकायत की, सीसीटीवी कैमरे में कैद फुटेज को देखते हुए पुलिस कमिश्नर ने मामले का संज्ञान लेते हुए डॉ सुनील वर्मा और अन्य आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश जारी कर दिए।