सौभाग्यशाली

Oct 12, 2023 - 18:48
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सौभाग्यशाली
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सौभाग्यशाली

वर्तमान समय में चिन्तन की मानसिकता यह रहती है कि वह इतना सौभाग्यशाली है कि नामी-गिरामी का पुत्र हैं । कोई शास्त्रों के कुछेक सूत्र जानकर अपने आपको विद्वान व सौभाग्यशाली कहता है । इस तरह सौभाग्यशाली के और भी चिन्तन हो सकते है ।

लेकिन सही में सौभाग्यशाली मेरे चिन्तन से वह है जो सादा जीवन उच्च विचार रखता है । सभी दूसरे के प्रति सहानुभूति रखता है और मन में प्यार का संचार सबके प्रति रखता है । आधे ज्ञान से कभी भी काम बनते नहीं है हमेशा बिगड़ते ही हैं ।एक चिकित्सक जिसने अपनी पढ़ाई पर पूर्णतया ध्यान नहीं दिया और उसने सोच लिया कि वह परफेक्ट है ऐसे व्यक्ति रोगी के जीवन को खतरे में डाल सकते हैं।

शादी के समय पूरी जानकारी किए बिना ही लोगों की सुनी सुनाई बातों पर विश्वास करके अज्ञानतावश शादी कर देते हैं बाद में पता चलता है की सामने वाला ठीक नहीं है,फिर पछताते हैं। कभी-कभी हम अपनों के ही चक्रव्यूह में बात जाने बिना ही अपनी अज्ञानता वश ऐसे फंस जाते हैं कि बाहर निकलने का मार्ग समझ में नहीं आता है।असली ज्ञान मनुष्य को उद्धार, विनम्र और सज्जन बनाती है ।

जबकि व्यक्ति में घमंड उसके ज्ञान को नहीं बल्कि अज्ञान को दर्शाता है। ज्ञानी और अज्ञानी व्यक्ति को आसानी से समझाया जा सकता है लेकिन अर्द्धज्ञानी व्यक्ति को समझाया नहीं जा सकता है क्योंकि वह भ्रमित रहता है कि उसे सब कुछ मालूम है परंतु वह पूरा जानता भी नहीं है और मानता भी नहीं है।जो सद संस्कारों के बीज बोता है उसका चरित्र सदा अच्छा होता है ।

 जिसकी संस्कारों की ताली बजती है वह बड़ा ही भाग्यशाली होता है ।जिसका आचरण उच्च होता है वही दूसरों के स्नेह का वरण करता है ।सदगुणों से सुसज्जित अपनी जीवन की सीढ़ी बनाओ तभी आने वाली अच्छी भावी पीढ़ी होगी । तभी तो कहा है कि सादा जीवन उच्च विचार कि जिसकी जीवन जीवनशैली है वह सही में सौभाग्यशाली हैं । प्रदीप छाजेड़ ( बोरावड़)