मै CO ठाकुरद्वारा हूँ रिकार्ड में नाम पढ़लो, महिला जज को सीओ की नसीहत पहुंची HC
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा में तैनात पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) राजेश कुमार तिवारी के खिलाफ जिला अदालत की एक महिला सिविल जज का तिरस्कार करने, रौब दिखाने, धमकाने के आरोप में आपराधिक अवमानना का नोटिस जारी किया है।
महिला जज ने इसकी शिकायत मुरादाबाद के जिला जज से की थी। इसका स्वत: संज्ञान लेते हुए न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति एसएएच रिजवी की खंडपीठ ने यह आदेश दिया। मुरादाबाद की महिला जज ने पूरे प्रकरण की शिकायत जिला जज से की थी।
बताया था कि 24 जुलाई को सीओ राजेश कुमार तिवारी छेड़खानी और दलित उत्पीड़न मामले की पीड़िता का कलमबद्ध बयान दर्ज करवाने अदालत पहुंचे थे। इस दौरान अदालत ने जांच अधिकारी से नाम पूछा तो उन्होंने नाम बताने से इन्कार कर दिया। कहा... मैं सीओ ठाकुरद्वारा हूं, नाम फाइल में पढ़ लो।
अदालत के ऐसे व्यवहार पर एतराज जताए जाने पर सीओ ने व्यंग्यात्मक तरीके से नाम बताया। महिला जज का आरोप है कि उनसे सीओ ने यह भी कहा कि लगता है कि पहली बार कलमबद्ध बयान दर्ज कर रही हैं। इसके बाद वह कुटिल मुस्कान के साथ कोर्ट रूम से बाहर चले गए। सिविल जज ने सीओ के इस बर्ताव की शिकायत जिला जज और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट से की थी।
इसके बाद जिला जज ने एसएसपी मुरादाबाद के माध्यम से सीओ को तलब भी किया था। इसके बाद जिला जज ने पूरा प्रकरण हाईकोर्ट को संदर्भित कर दिया। हाईकोर्ट ने इसका स्वत: संज्ञान लिया। खफा हाईकोर्ट ने अदालती कार्यवाही के दौरान महिला जज का तिरस्कार करने, रौब दिखाने और धमकी देने का सीओ ठाकुरद्वारा राजेश कुमार तिवारी को दोषी माना और उनके खिलाफ आपराधिक अवमानना नोटिस जारी कर दिया।
हाईकोर्ट ने अपने कार्यालय को जिला जज के माध्यम से एक हफ्ते में नोटिस तामील कराने का आदेश दिया है। शिकायती पत्र की कॉपी भी सीओ को देने के लिए कहा गया है, ताकि वह कोर्ट में स्पष्ट जवाब के साथ हाजिर हों।